कोरोना से संबंधित दवाओं के विक्रय में अनियमितता और कालाबाजारी, जयपुर के तीन अस्पतालों पर छापामार कार्रवाई


जयपुर। कोरोना संकटकाल में भी दवाओं के विक्रय एवं संधारण में अनिमियता और कालाबाजारी को लेकर जयपुर में औषधि नियंत्रण विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के निर्देशन में जयपुर के प्रताप नगर स्थित उर्मिल चेस्ट एवं टीबी अस्पताल, सांगानेर के भानू अस्पताल और हरमाड़ा स्थित दीर्घायु अस्पताल में छापे मारे गए। जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई।

प्रताप नगर स्थित उर्मिल चेस्ट एवं टीबी अस्पताल में रेमडेसीविर एव फेवीपायरवीर को बिना बिल विक्रय करना पाया गया तथा कोरोना से संबंधित एक्सपायरी दवाइयों को भी विक्रय हेतु संधारित स्टाक के साथ रखा जाना पाया गया। फर्म पर ना तो शेड्यूल H1 का रिकॉर्ड संधारित पाया गया ना ही विक्रय बिलों की कॉपियां संधारित पाई गई औषधियों के फिजिकल स्टॉक एवं कंप्यूटर स्टॉक में भी गड़बड़ियां पाई गई।

सांगानेर के भानु अस्पताल एवं हरमाड़ा स्थित दीर्घायु अस्पताल में बिना फार्मासिस्ट की उपस्थिति के कोरोना से संबंधित औषधियों का विक्रय किया जाना पाया गया तथा शेड्यूल H1 रिकॉर्ड एवं विक्रय बिल भी संधारित नहीं पाए गए तथा एक्सपायरी दवाइयों के संधारण में भी अनियमितताएं पाई गई।

फर्मो के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम में कार्रवाई की जाएगी। सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ वंदना कुमारी, सपना पारीक, संजू सिंह, महेश बयाडवाल एवं नवीन जाजोरिया की टीम द्वारा उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

 

बता दें कि पूरे राजस्थान में ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा के नाम से इस वक्त दवा व्यापार से जुड़े कालाबाजारी करने वालों के पसीने छूटे हुए हैं। ड्रग कंट्रोलर की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद में पूरे राजस्थान में कई ब्लैक मैं दवा बेचने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। कईयों के लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट को फ्री हैंड दिया गया है। इसके बाद चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा और चिकित्सा विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन के निर्देशन में इन पूरी कार्रवाइयों को अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है।