चुनावी साल में राजस्थान के बजट से जनसम्पर्ककर्मी निराश, मांगे नहीं माने जाने पर आन्दोलन की तैयारी


 जयपुर। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी राज्य बजट वर्ष 2023-24 में विभाग के अधिकारियों की लम्बित मांगों के विषय में कोई भी जिक्र नहीं होने से निराश और हतोत्साहित हैं। जन सम्पर्क की राज्य और अधीनस्थ सेवाओं के अधिकारियों के संगठन प्रसार (पब्लिक रिलेशंस एंड अलाइड सर्विसेज एसोसिएशन ऑफ राजस्थान) की मांग है कि वेतन विसंगति, कैडर सुदृढ़ीकरण और संसाधनों की उपलब्धता सहित उनकी आवश्यक और वाजिब समस्याओं का तुरन्त समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मुलाकात का समय जल्द दिया जाए। प्रसार का कहना है कि यदि मांगों पर शीघ्र ही विचार कर समाधान नहीं निकाला गया, तो जनसम्पर्क सेवाओं के सभी अधिकारी विरोध दर्ज कराने के लिए आंदोलन जैसे कदम उठाने पर मजबूर होंगे। प्रसार की ओर से बीते महीनों में जनसम्पर्क सेवाओं की संरचना का सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत पुनर्गठन, वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित अन्य मांगों के लिए मुख्यमंत्री महोदय के नाम कई बार ज्ञापन दिए गए थे। अधिकारियों को उम्मीद थी कि पिछले राज्य बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वेतन विसंगति दूर होने और कैडर सुदृढ़ीकरण का लाभ इस बजट में मिल सकेगा। लेकिन जनसम्पर्क सेवाओं को इस 'सर्वपरोपकारी' बजट के बावजूद निराशा ही मिली है। राज्य सरकार की कई अन्य सेवाओं के कार्मिकों के लिए बजट में सुविधा-संसाधनों की घोषणा हुई है। लेकिन जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों के लिए किसी भी प्रकार के संसाधनों की घोषणा नहीं की गई है, जबकि विभागीय कार्यों के लिए अधिकारी कई वर्षों से अपनी जेब से खर्च कर व्यक्तिगत संसाधनों का उपयोग राज्य सरकार की सभी योजनाओं का प्रचार-प्रसार लगातार कर रहे हैं। इस स्थिति में जनसम्पर्क और फोटो सेवाओं के अधिकारी अपनी मांगों का उचित समाधान नहीं होने के कारण काफी क्षुब्ध और हतोत्साहित हैं। उल्लेखनीय है कि प्रसार ने इस विषय में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से मिलकर अपनी बात कहने के लिए भी कई बार समय मांगा है। अभी तक न तो मुख्यमंत्री कार्यालय से मिलने का समय दिया गया और ना ही संगठन की किसी मांग पर किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा विचार कर समस्या समाधान किया गया है। इन परिस्थितियों में आगामी दिनों में प्रसार मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात सहित विभिन्न स्तर पर अपनी समस्याओं के हल के लिए प्रयास करेगा और जल्द समाधान नहीं होने पर आन्दोलन को मजबूर होगा।