राजस्थान में वन व वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग, पीपल फॉर एनिमल्स दल ने राज्यपाल से की मुलाकात


जयपुर. वन, वन्यजीव एवं झील जलाशय संरक्षण के लिए पीपल फॉर एनिमल्स की राजस्थान इकाई ने मामले की संवेदनशीलता को दखते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की.  मुलाकात कर दल के सदस्यों ने सरकार की गतिविधियों में तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। संस्था के प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल जाजू और जिला संयोजक सूरज सोनी ने राज्यपाल को 10 बिन्दूओं का ज्ञापन भी सौंपा जिसमें मुख्य रूप से तालछापर अभयारण्य के ईको सेंसेटिव जोन को कम नहीं करने हेतु पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर रूकवाने, राज्य पक्षी गोडावण की संख्या बढ़ाने हेतु इनका प्रजनन केन्द्र विकसित करने, सरिस्का व रणथंभौर राष्ट्रीय पार्कों के आसपास मानवीय गतिविधियां बंद करने, वन विभाग की बिना अनुमति के खनन विभाग द्वारा ई निविदा जारी कर खनन के पट्टे दिये जाने की कार्यवाही को रूकवाने की मांग की. साथ ही प्रदेश में वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाकर पौधारोपण करवाने, प्रदेश में 4 लाख 85 हजार हेक्टेयर घोषित वन भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग के नाम अमलदरामद कराने, प्रदेश में पॉलिथिन के क्रय, विक्रय व उपयोग पर रोक की सख्ती से पालना करवाने, चम्बल बनास कोठारी व बाड़ी सहित अनेक नदियों में औद्योगिक व आवासीय गंदा पानी जाने से रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को निर्देशित करने, परिवहन विभाग द्वारा ग्रीन टेक्स के नाम से वसूल की गई राशि को ग्रीनरी बढ़ाने हेतु खर्च करने एवं वन भूमि पर सुरक्षा वाल बनाकर वनों को सुरक्षित करने और प्राकृतिक जंगल विकसित करने की मांग की गई. इनके संबंध में आवश्यक दस्तावेज भी सौंपे गये। राज्यपाल कलराज मिश्र ने जाजू को फोरेस्ट बजट बढ़ाने का विश्वास दिलाते हुए उक्त समस्याओं के निदान हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का विश्वास दिलाया।