7 साल 3 महीने और 3 दिन... निर्भया के दोषियों को लटकाया गया फांसी पर


-निर्भया केस के चारों आरोपियों को फांसी पर लटकाया गया

-सुबह 5.30 बजे दी गई चारों दोषियों को फांसी

-आधे घंटे बाद तक लटकाए रखा फांसी पर

-जेलर के निर्देश पर जल्लाद पवन ने दी फांसी

- मेडिकल अफसर ने चारों को मृत घोषित किया

- फांसी से पहले SC और HC ने खारिज की थी याचिका

- निर्भया के माता-पिता ने 20 मार्च, निर्भया दिवस के रूप में मनाने को कहा.

नई दिल्ली. देश और दुनियाभर में मानवता को शर्मसार कर देने वाले निर्भया के केस के चारों गुनहगारों को आखिरकार 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया. 7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद मिले इस इंसाफ को लेकर देशभर में जश्न भी देखने को मिला कहीं आतिशबाजी हुई तो कहीं मुंह मीठा कराकर देश की बेटी के गुनहगारों का फांसी मिलने पर खुशी जाहिर की गई.

तिहाड़ जेल इस दौरान कई लोग मौजूद रहे जिन्होने इसे न्याय की जीत बताई. निर्भया के माता-पिता ने 20 मार्च का दिन निर्भया दिवस के रूप में मनाने की बात कही. हालांकि, इससे पहले दोषियों के वकील एपी सिंह ने आखिरी वक्त तक दोषियों को फांसी से बचाने की कोशिश की.

देर रात सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया, जिसके बाद चारों दोषियों के फांसी का रास्ता साफ हो गया. वकील एपी सिंह ने इसे मीडिया ट्रायल से हुई फांसी करार दिया. लोगों ने इसे इंसाफ की सुबह कहा.

गौरतलब है कि भारत में आखिरी फांसी जुलाई 2015 में याकूब मेमन को दी गई थी. याकूब मेमन 1993 के मुंबई धमाकों का दोषी था. यदि बलात्कार के मामले में दी गई आखिरी फांसी की बात करें तो धनंजय चटर्जी को ऐसे मामले में फांसी दी गई थी. 2004 में पश्चिम बंगाल के धनंजय चटर्जी को फांसी के फंदे पर लटकाया गया. चटर्जी पर कोलकाता में एक 15 वर्षीय स्कूली छात्रा के साथ बलात्कार कर हत्या का आरोप था, जिसके बाद 14 अगस्त 2004 को तड़के 4.30 बजे बजे अलीपुर जेल में फांसी पर लटकाया गया. यह मुकदमा 14 साल तक चला था.

 

यह फांसी नहीं थी आसान!

इस फांसी से पहले निर्भया केस के दोषियों के सारे विकल्प समाप्त हो चुके थे. लाइफ लाइन से जुड़े हर विकल्प को आजमाए जाने के बावजूद कोई रास्ता बचने का नजर नहीं आ रहा था. राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज होने के बाद तीन मार्च को दोषियों को होने वाली फांसी का रास्ता लगभग साफ हो चुका था. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने एक बार फिर 2 मार्च को निर्भया के दोषियों की फांसी टाल दी. मौत की पहली तारीख 22 जनवरी 2020 थी, जो बाद में टाल दी गई थी. अगली तारीख 1 फरवरी 2020को तय की गई लेकिन फिर टल गई और इसके बाद एक बार फिर 3 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे फांसी की सजा मुकर्रर की गई थी. लेकिन फिर फांसी टाल दी गई.