नरेगा में भ्रष्टाचार का मामला, आकेली ग्राम पंचायत ए के सरपंच के खिलाफ जांच के आदेश


जयपुर। नरेगा विकास कार्यों के नाम पर फैला भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं, दूर दराज की ढाणी में बैठे पात्र लोगों तक विकास का लाभ पहुंचाना चाहते हैं वहीं भ्रष्टाचार सीएम के इस मिशन में बड़ा बाधक बन रहा है। ऐसे ही एक मामले में राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत आकेली ए के सरपंच अशोक गोलिया के खिलाफ मिली शिकायत पर जांच कर 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

आके​ली ए और गेमलियावास के ग्रामीणों ने इस मामले में मय दस्तावेज ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के मंत्री रमेश मीणा को ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में नरेगा विकास कार्यों में कैसे बिना काम के पैसे उठा लिए गए, आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया और कैसे स्थानीय प्रशासन और ग्राम सेवक सरपंच से मिला हुआ है इसकी शिकायत की गई थी। यह शिकायत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान एसीबी के मुख्यालय को भी भेजी गई है। जिसके बाद विभाग के मंत्री रमेश मीणा ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव को मामले में निष्पक्ष तथ्यात्मक जांच कर 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

मामले में एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराने के आदेश दिए गए हैं। इस दौरान सबूत के तौर पर जांच अधिकारियों से विकास कार्यों के फोटो भी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा कार्यों का तकमीने के अनुसार कार्यस्थल पर पूर्ण करवाए जाने, निर्माण कार्यों में उपयोग में ली गई सामग्री के स्टॉक रजिस्टर में इंद्राज, आरटीपीपी एक्ट की पालना किए जाने, कार्यों की वास्तविक उपयोगिता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी जांच के आदेश दिए गए हैं। ग्रामीणों ने जनवरी, 2021 से फरवरी, 2022 तक के कार्यों में गबन का आरोप सरपंच पर लगाया था।

आरोप है कि मौके पर कार्य नहीं करने के बावजूद बिल पास करा लिए गए, एक ही कार्य पर बार बार पैसे उठाए गए। स्थानीय ग्रामीणों ने गबन की राशि वसूलने और मामले में कानूनी कार्यवाही करने का भी आग्रह किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए यह एक्शन लिया है।