1 लाख की रिश्वत लेते राजस्थान एन्टी करप्शन ब्यूरो ने ग्राम विकास अधिकारी को किया ट्रैप, तीन और रिश्वतखोर धरे


जयपुर। रिश्वतखोरी के खिलाफ राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो का महाअभियान जारी है। इसी कड़ी में गुरुवार को राजस्थान एसीबी के डीजी बीएल सोनी के निर्देशन में एक और बड़ा ट्रैप किया गया। जहां राजस्थान के सुजानगढ़ में गोपालपुरा गांव का ग्राम विकास अधिकारी वीरेंद्र शर्मा 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया गया।

यह रिश्वत प्लॉट निर्माण और पट्टे से जुड़े प्रकरण के एवज में मांगी जा रही थी। परिवादी की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। गौर करने वाली बात यह है कि यह ग्राम विकास अधिकारी कितना बड़ा रिश्वतखोर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसको दो बार पहले भी रिश्वतखोरी के मामले में पकड़ा जा चुका है, सजा भी हो चुकी है। बावजूद इसके रिश्वतखोरी की भूख नहीं मिटी और एक बार फिर ट्रैप हो गया।

राजस्थान एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी को परिवादी से शिकायत प्राप्त हुई थी कि यह ग्राम विकास अधिकारी लंबे समय से रिश्वत के लिए परेशान कर रहा है और उनके काम को अटकाए हुए है।

जिसके बाद इसका सत्यापन कर ACB के SP गगनदीप सिंघला के निर्देशन में चूरू एसीबी के ASP आनंद प्रकाश स्वामी ने टीम के साथ मौके पर कार्रवाई को दिया अंजाम दिया और रिश्वतखोर ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथों ट्रैप किया।

इसके अलावा एक और कार्रवाई झालावाड़ की गई। जहां पीएचईडी का अधिशाषी अभियंता मुकेश कुमार मोड़ एवं सहायक कर्मचारी राम प्रहलाद पाटीदार ₹10000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। सैलरी का बिल बनाने और पास करने की एवज में यह रिश्वत मांगी थी।

मौके पर झालावाड़ एसीबी के ASP भवानी सिंह ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी ADG दिनेश एमएन के निर्देशन में आरोपियों के ठिकानों पर तलाश जारी है।

एक अन्य कार्रवाई में जयपुर हेरिटेज नगर निगम का जमादार नरेश कुमार ₹5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैक किया गया। यह हाजिरी भरने की एवज में रिश्वत मांग रहा था।

राजस्थान एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने कहा कि कोई भी राजस्थान में रिश्वत मांगता है तो उसके खिलाफ टोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत करें।

बता दें कि राजस्थान एसीबी ने इस साल की शुरुआत से ही सैकड़ों की तादाद में रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई की है। जो राजस्थान एसीबी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा रिश्वतखोरी के खिलाफ अभियान माना जा रहा है। आमजन में राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्यशैली को लेकर काफी भरोसा बढ़ गया है, इसलिए लगातार परिवादियों द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में ACB को शिकायतें मिल रही है।