लॉकडाउन में RBI ने फिर की रेपो रेट कम, सस्ता मिलेगा लोन


मुंबई. लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कटौती कर दी है. बैंकों को अब कम ब्याज दर पर रिजर्व बैंक से लोन मिल सकेगा. 4.4 से घटकर अब रेपो रेट 4 फीसदी हो गई है. RBI गवर्नर शक्तिकांतदास ने इसकी घोषणा की.

साथ ही उन्होने कहा कि कोरोना से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था. इसके बाद बैंकों ने लोन पर ब्‍याज दर कम कर दिया था. जाहिर सी बात है कि इससे आपकी ईएमआई भी पहले के मुकाबले कम हुई.

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन इत्यादी.

 

बड़ी बातें:

 

1- मार्च में सीमेंट का उत्पादन 19% लुढका.

2- लॉकडाउन से ​आर्थिक गति​विधियों में भारी गिरावट, छह बड़े औद्योगिक राज्यों में ज्यादातर रेड जोन रहे. औद्योगिक उत्पादन में मार्च में 17 फीसदी की गिरावट रही. मैन्युफैक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट. कोर इंडस्ट्रीज के आउटपुट में 6.5% की कमी.

3- मार्च माह में कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 36% की गिरावट दर्ज की गई.

4- कंज्यूमर ड्यूरेबल के उत्पादन में 33% गिरावट रही. वहीं

5- जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रही, देश में होने वाले निवेश में कमी आई.

6- हालांकि फसलों की बुवाई में 44% की बढ़ोतरी हुई.

7- खाद्य महंगाई अप्रैल में बढ़कर 8.6% हो गई. दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है.

8- हालांकि इस छमाही में महंगाई उंचाई पर बनी रहेगी, लेकिन अगली छमाही में इसमें नरमी आ सकती है. महंगाई दर को कम करना बडी चुनौति.

9- भारत का विदेश मुद्रा भण्डार बढा है, 2020-21 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 9.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी 487 बिलियन डॉलर का है.

10-  रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.