9 साल पहले आई फ़िल्म 'कंटेजियन', कोरोना जैसे वायरस की खौफनाक कहानी अब हो रही सच साबित


बीजिंग/ लंदन. बात करीब 40 साल पहले की है, जब 1981 में लिखी एक किताब में कोरोना वायरस जैसी महामारी के चीन में फैलने का जिक्र किया गया था. यानी कोरोना वायरस की भविष्यवाणी करीब 40 साल पहले ही एक किताब में कर दी गई थी और किताब का नाम था 'The Eyes of Darkness'. अमरीकी उपन्यासकार डीन कोन्ट्ज की लिखी यह पुस्तक अचानक जहां रातों रात चर्चा में आ गई वहीं अब एक फिल्म फिर से सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी है.

2011 में आई स्टीवन सोडरबर्ग की फिल्म 'कंटेजियन' की चर्चा रिलीज हुई थी तब उतनी नहीं थी जितनी आज हो रही है. चर्चा भी इतनी की सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेंड हो रही है. इस फिल्म में ग्वेनिथ पल्ट्रो, मारिऑन कोटिलार्ड, ब्रेयान क्रेन्सटन, मैट डेमन, लॉरेन्स फिशबर्न, जूड लॉ, केट विंसलेट और जेनिफर जैसे एक्टर्स ने बेहतरीन एक्टिंग की है. यह अमेरिकी फिल्म 2003 में फैले सार्स और 2009 में फैले स्वाइन फ्लू जैसे वायरस पर आधारित है. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग इस फिल्म को लेकर ट्वीट कर रहे हैं, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए इसे कोरोना वायरस की कहानी बता रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स के मुताबिक आज जो कुछ कोरोना को लेकर हो रहा है और उस वक्त आई इस फिल्म दोनों के विषय में समानता है. जैसे आज कोरोना से बचाव का टीका ना होने से लोगों में फेल रहे संक्रमण, घुटन, माहमारी, दहशत, आपदा का माहौल बना हुआ है ठीक वैसी ही कहानी और फिल्मांकन इस फिल्म में दर्शाया गया है. सड़कों पर पड़ी लाशें, मौत को लेकर पनपा रहस्य, बेकाबू होते हालात, दुनियाभर की चिंता इस फिल्म के दृश्यों में ठीक वैसे ही देखी जा सकती है जैसे इस फिल्म में दिखाया गया है.

 

फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि एक शेफ संक्रमित मांस को छूने के बाद हाथ नहीं धोता है. उसके बाद वह दूसरे लोगों से हाथ मिलाता है और वायरस फैलना शुरू हो जाता है. शेफ का किरदार ग्वेनेथ पाल्ट्रो के किरदार से हाथ मिलाता है. ग्वेनेथ होंगकोंग में एक अजीब बीमारी महसूस करती हैं. वह इसके बाद यूएस लौट आती हैं लेकिन कुछ समय बाद ही इस किरदार की अचानक मौत हो जाती है. इसके बाद यह वायरस फैलना शुरू हो जाता है. दिलचस्प और रोचक बात यह है कि फिल्म 'कंटेजियन' में वायरस के फैलने का कारण सूअर और चमगादड़ के मीट को बताया गया है. और हालिया खबरों में कोरोना वायरस को लेकर भी ऐसा दावा किया गया है कि कोरोना वायरस चमगादड़ के मांस से फैल रहा है. इसलिए लोग जमकर फिल्म का ट्रेलर और लिंक शेयर करते हुए इसे कोरोना वायरस आधारित फिल्म बता रहे हैं.

 

बड़ी बात यह है कि The Eyes of Darkness नाम के सस्पेंस-थ्रिलर उपन्यास में भी कोरोना वायरस की तरह की महामारी को वुहान-400 नाम दिया गया था. सोशल मीडिया में यह बात तेजी से वायरल हुई कि कोरोना वायरस चीन द्वारा निर्मित एक बायोलॉजिकल वेपन (biological weapons यानी जैविक हथियार) है, जिसे वुहान-400 (wuhan 400) नाम दिया गया था. कहते हैं दुनिया में जो कुछ हो रहा है वो पहले से निश्चित है. और कोरोना वायरल को लेकर 1981 में लिखे गए उपन्यास The Eyes of Darkness और 2011 में आई फिल्म 'कंटेजियन' से कुछ ऐसा ही साबित हो रहा है.

गौरतलब है कि अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज या टीका नहीं है. ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और जर्मनी में विशेषज्ञों के कई दल इस वायरस का टीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं. WHO ने इसे महामारी घोषित कर दिया है, देश और दुनिया में कई मॉल, सिनेमाघर, उद्योग धंधे, पर्यटन स्थल बंद बडे हैं, दुनिभर में मेडिकल इमरजेंसी देखने को मिल रही है. लोग दहशत में हैं.

खबर लिखे जाने तक कोरोना से दुनियाभर में 1,56,745 लोग संक्रमित हैं, 5,839 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 75, 935 लोग इस संक्रमण से इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं.

 

क्यों हैं कोरोना घातक?

कोरोना वायरस विषाणुओं का एक ऐसा बड़ा समूह है, जो सामान्य जुकाम से लेकर श्वास तंत्र की गंभीर समस्या तक पैदा कर रहा है. कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति में बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, हांफना, बैचेनी जैसे लक्षण नजर आते हैं. अभी तक कोरोना वायरस का कोई विशेष इलाज नहीं मिल सका है, बल्कि वैकल्पिक दवाओं से ही काम चलाया जा रहा है. इस विषाणु से होने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन का भी ईजाद नहीं हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को ग्लोबल स्वास्थ्य इमर्जेंसी की घोषणा कर दी है. चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के कई देशों में फैल चुका है.