राहुल के कथित बयान पर भड़के सिब्बल-आज़ाद ने की इस्तीफे की पेशकश, CWC में हुआ बवाल


नई दिल्ली. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जमकर बवाल हुआ. मामला इतना बढ़ गया कि राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल सहित कई नेताओं पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगा दिया. उधर राहुल गांधी के इस बयान से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भड़क गए. जहां गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि आरोप साबित हो जाते हैं तो तुरंत पार्टी से इस्तीफा दे देंगे. वहीं कपिल सिब्बल ने भी बयान पर नाराजगी जताई.

बता दें कि CWC कि बैठक से ऐसी बातें अचानक मीडिया में आने लगीं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में आरोप लगाया कि 'जिन नेेेताओं ने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं.' जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के दौरान ही ट्वीट करते हुए लिखा कि 'राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.' गौर करने वाली बात यह है कि कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी से पहले चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि इस वक्त एक ऐसे अध्यक्ष की मांग है जो पूर्ण रूप से पार्टी को वक्त दे सके.  इसके बाद जब सोमवार बैठक हुई तो चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ, सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. 

हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को लेकर मीडिया में  हो रही बातों को गलत बताया. साथ ही स्पष्ट किया है कि कपिल सिब्बल जैसा कह रहे हैं वैसा राहुल गांधी ने कुछ नहीं कहा. राहुल गांधी ने खुद भी इस मामले में कपिल सिब्बल से बात की.

उधर जब बवाल बढ़ा तो खुद कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस लेने की बात भी कही. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'राहुल गांधी ने मुझे निजी तौर पर जानकारी दी. राहुल ने कहा कि उन्होंने ऐसी बात नहीं कही है.' यानी हाथों हाथ डैमेज कंट्रोल भी किया गया. पर जो कुछ हुआ उससे साफ हो गया कि कांग्रेस में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है.