अग्निपथ योजना तुरंत वापस ले सरकार तथा सेनाओं में नियमित भर्ती करके खाली पदों को भरा जाये : दीपेंद्र हुड्डा


जयपुर। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा सरकार द्वारा युवाओं से किये गये विश्वासघात और अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मांग की है कि सरकार ‘अग्निपथ’ योजना को तुरंत प्रभाव से वापस ले और सेनाओं में नियमित भर्ती करके खाली पड़े पदों को भरे।

उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य को चौपट और देश की सेना को कमजोर करने वाला कदम न उठाये। सरकार ने जैसे किसानों से माफ़ी मांगकर तीनों क़ानून वापस लिए वैसे ही युवाओं से माफ़ी मांगकर अग्निपथ योजना वापस ले। यह योजना न तो राष्ट्र सुरक्षा के हित में है, न ही युवाओं के भविष्य के हित में है।

उन्होंने देश के नौजवानों से आग्रह किया कि वे शांति और संयम रखें, कोई गलत कदम न उठाएं। इस लड़ाई को हम मिलकर लड़ेंगे, सरकार को झुकना ही पड़ेगा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन इसका उदाहरण है। एक साल से ज्यादा समय तक किसान शांति व संयम से रहे, इसीलिये किसानों की जीत हुई। किसान आंदोलन में 700 घरों के चिराग बुझ गये थे। इसके बाद सरकार ने फैसला वापिस लिया था। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि फिर से ऐसी परिस्थिति न बने इसलिये इस मसले पर राजहठ न दिखाए सरकार अविलम्ब ‘अग्निपथ’ योजना को वापस ले। कांग्रेस देश की फौज को कमजोर नहीं होने देगी। कोई भी ऐसा कदम, जिससे देश की फौज कमजोर होती दिखायी देगी, उसका हम पुरजोर विरोध करेंगे।

प्रेसवार्ता में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ‘अग्निपथ योजना’ लागू करने के निर्णय से देश भर के युवाओं में निराशा, मायूसी और गहरा रोष है। उन्होंने कहा कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने के वायदे में विफल हो गयी सरकार तो अपने वायदे से ध्यान भटकाने के लिये ही वो अग्निपथ योजना लेकर आई और 10 लाख रोजगार देने का शिगूफा छोड़ दिया। इस योजना के अधार पर हमारे देश की फौज का संख्याबल आधी हो जायेगी। अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार भर्तियाँ होती थीं, अब अग्निपथ योजना में हर साल 40-50 हज़ार भर्ती होगी, जिसमें से 75त्न अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जायेगा इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्याबल घटकर आधा से भी कम रह जायेगा। फौज का संख्याबल घटेगा, तो बेरोजगारी भी बढ़ेगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की नौकरियों मंभ 62 लाख रिक्त पद हैं, जिसमें से अकेले केंद्र सरकार में 26 लाख पद खाली हैं। संसद में उनके सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि फौज में करीब 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, तीन साल से भर्तियां बंद हैं। ऐसे में यह योजना लाकर सरकार ने रिकार्ड बेरोजगारी का सामना कर रहे नौजवानों के भविष्य के साथ मजाक किया है। ये युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है। सरकार झूठे सब्जबाग न दिखाए। खाली पड़े पदों पर असली भर्ती शुरू करे।