मंत्री प्रमोद जैन भाया, रामलाल जाट, जाहिदा खान और ACS सुबोध अग्रवाल के खिलाफ थाने में FIR के लिए शिकायत


3 मंत्री, एक अधिकारी, एक खनन व्यवसायी के खिलाफ FIR की शिकायत दी गई है। संत बोले-CM के आश्वासन के बाद भी पर्वतों का संरक्षण नहीं किया गया इसलिए भरतपुर के संत समाज की ओर से खोह थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी गई है। इस शिकायत में अवैध खनन के लिए खान मंत्री प्रमोद भाया जैन, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान,अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवालऔर खनन व्यवसायी प्रभु दयाल सोनी को जिम्मेदार ठहराया है।

संतों का आरोप है कि संत विजय दास के आत्मदाह के पीछे मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही खननकर्ता जिम्मेदार थे। इन्हें आत्मदाह के लिए उकसाने के जुर्म में जल्द गिरफ्तार किया जाए। बरसाना के मान मंदिर के संत राधाकांत शास्त्री, बाबा गोपेश, संत दीनदयाल दास और संत सुनील दास ने मामला दर्ज कराते हुए बताया कि कनकांचल और आदिबद्री पर्वतों के संरक्षण का काम सीएम अशोक गहलोत के आश्वासन के अनुसार 1 अक्टूबर 2021 को ही हो जाता तो बाबा विजय दास को आत्मदाह के लिए विवश नहीं होना पड़ता। उन्होंने कहा कि दोनों पर्वतों को बचाने के लिए 12 साल से संघर्ष चल रहा है। खनन को रोकने के लिए कई कार्रवाई हुईं लेकिन खनन माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से खनन को जारी रहा। पिछले 2 साल में दो नए क्रेशर लगाकर लीज से बाहर खनन होने लगा। बाहर से माफिया आने लगे। साधु संतों को डराने लगे। ऐसा लगने लगा कि कुछ महीनों में माफिया पूरे ब्रज का विनाश कर देंगे। बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। जिसके बाद धरना शुरू किया गया। बाबा विजय दास के आत्मदाह के एक दिन पहले अधिकारियों के निर्देश पर पुलिसकर्मियों ने धरने पर बैठे संतों को हटाने की कोशिश की। जिससे आहत होकर बाबा विजय दास ने 20 जुलाई को आत्मदाह किया। सीएम गहलोत के मौखिक आश्वासन के बाद भी सरकार में बैठे प्रशासनिक अधिकारी, मंत्री जाहिदा खान, प्रभुदयाल सैनी जैसे खनन माफिया के रहते दोनों पर्वतों के संरक्षण का काम नहीं हो पाया। उल्टा प्रशासन बाबा विजय दास के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की योजना बना रहा था। मामला हाई प्रोफाइल और मंत्रियों विधायकों से संबंधित है ऐसे में यह प्रकरण सीआईडी सीबी को जांच के लिए पुलिस मुख्यालय भेज दिया जाएगा।