रोम जल रहा है और नीरो बांसुरी बजा रहा है. राजस्थान के CM सहित 104 विधायकों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद


जयपुर. राजस्थान की जनता कोरोना से त्रस्त है. देशभर में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. लेकिन राजस्थान की सियासत के रखवाले हैं कि बाड़ेबंदी में जुटे हैं. बड़ी बात यह है कि पिछले 1 सप्ताह से राजस्थान सरकार के मंत्री और विधायक होटल फेयरमोंट में फिल्में देखने में मशगूल हैं. मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों के 'जब प्यार किया तो डरना क्या...' जैसे गाने के सुरों से सुर मिला रहे हैं. फुटबॉल से लेकर कैरम, और इटेलियन डिश का आनंद ले रहे हैं.

शोले के गब्बर का डायलॉग 'कितने आदमी थे, विधायकों की जुबान पर चढ़ा नज़र रहा है. लाफ्टर शो हो रहे हैं, और वो हर पकवान उस जनता के चुने हुए विधायकों को मिल रहे हैं जिस गरीब जनता को इस संकट के दौर में दो वक्त का राशन तक नहीं मिल रहा. पर किसी को कोई चिंता नहीं. ऐसा लग रहा है जैसे रोम जल रहा हो और नीरो बांसुरी बजा रहा हो. कोई मानेसर में गरीब जनता को भूलकर सत्ता गिराने में लगा है तो कोई विधायकों की रिकॉर्डिंग जारी करके सत्ता बचाने में जुटा है. जिस वक्त जनता के बीच में जनता के लिए जनता के यह नेता समर्पित होने चाहिए उस वक्त नेता जयपुर में होने के बावजूद कोरोना संकट से निपटने के बजाय मौज मस्ती में जुटे हैं.

इसी कड़ी में राजस्थान के वकील ने इन सबको गंभीर मानते हुए कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है. राजस्थान के CM सहित 104 विधायकों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत अदालत में यह शिकायत दर्ज कराई गई है. अदालत में परिवाद में वकील ओम प्रकाश ने अपनी शिकायत में कहा कि इस पूरे मामले में ना केवल पुलिस केस दर्ज किया जाए बल्कि जिन विधायकों ने इस मामले में उल्लंघन किया है उनके खिलाफ जुर्माने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई को भी अंजाम तक पहुंचाया जाए.

वकील ओमप्रकाश ने पिछले दिनों कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन के दौरान राज्य सरकार द्वारा लिए गए एक्शन का भी उदाहरण देते हुए परिवाद में कहा कि गहलोत गुट के विधायक जयपुर के एक होटल में ठहरे हुए हैं. यह महामारी एक्ट के तहत उल्लंघन का मामला बनता है. इसमें तुरंत कार्रवाई की जाए.