वैक्सीनेशन में कोई राजनीति नहीं, लेकिन तथ्यों से स्पष्ट कि अनेक राज्यों में वैक्सीन की कमी: CM गहलोत


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न राज्यों में वैक्सीनेशन की कमी को लेकर फिर चिंता जताई है। और इस मामले में एक बार फिर से केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। हालांकि उन्होंने इस पूरे मामले में किसी भी तरह से राजनीति से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन में कोई राजनीति नहीं लेकिन तथ्यों से स्पष्ट कि अनेक राज्यों में वैक्सीन की कमी है।

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 11 अप्रेल को ज्योतिबा फुले जयंती से 14 अप्रेल को आंबेडकर जयंती तक 'टीका उत्सव' मनाने का आह्वान किया है लेकिन राज्यों में वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में टीका उत्सव कैसे मनाया जा सकता है? केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा दिया गया राज्यों में वैक्सीन की कमी ना होने का बयान तथ्यात्मक रूप से पूर्णत: गलत है। राजस्थान कोरोना प्रबंधन एवं वैक्सीनेशन में शुरुआत से अग्रणी रहा है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सीनेशन करने में राजस्थान सभी राज्यों में सबसे आगे है।

6 अप्रेल तक केंद्र सरकार से राजस्थान को 1,07,40,860 कोविड वैक्सीन डोजेज प्राप्त हुईं। इनमें से 2,15,180 वैक्सीन सेना को उपलब्ध करवाई गईं हैं। 8 अप्रेल तक 91,55,370 डोजेज लगा दी गईं हैं। करीब 4,34,888 डोजेज खराब हुईं जो केन्द्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10% के आधे से भी कम है। प्रदेश में 8 अप्रेल 4.65 लाख, 7 अप्रेल को 5.81 लाख, 6 अप्रेल को 4.8 लाख एवं 5 अप्रेल को 5.4 लाख वैक्सीन डोजेज लगाई गईं। 9 अप्रेल की सुबह प्रदेश में करीब 9.70 लाख वैक्सीन डोजेज शेष थीं। प्रतिदिन करीब 5.18 लाख वैक्सीन औसतन राजस्थान में लगाई जा रही हैं। आज का वैक्सीनेशन का कार्य पूरा होने के बाद प्रदेश में करीब 5 लाख वैक्सीन डोजेज ही बची हैं जो आगे वैक्सीनेशन के लिए अपर्याप्त हैं।

केन्द्र सरकार ने वैक्सीन की 3.83 लाख डोजेज की अगली खेप 12 अप्रेल को आना प्रस्तावित है। इस कारण राजस्थान में कल कई जिलों में वैक्सीनेशन का कार्य बंद करना पड़ेगा। 3.83 लाख डोजेज से भी एक दिन से अधिक वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8 अप्रेल को आंध्र प्रदेश में 1.2 दिन, बिहार में 1.6 दिन, उत्तर प्रदेश में 2.5 दिन, उत्तराखंड में 2.9 दिन, उडीसा में 3.2 दिन, मध्य प्रदेश में 3.5 दिन और महाराष्ट्र में 3.8 दिन की डोजेज ही शेष थी। कई राज्यों से आज वैक्सीनेशन केन्द्रों पर वैक्सीन उपलब्ध ना होने की तस्वीरें भी सामने आई हैं।

ऐसे में केन्द्र सरकार को स्पष्ट तौर पर वैक्सीन की कमी होने की बात सार्वजनिक तौर पर कहनी चाहिए। वैक्सीनेशन के कार्य में कोई राजनीति नहीं की जा रही है लेकिन तथ्यों से स्पष्ट है कि अनेक राज्यों में वैक्सीन की कमी है। केन्द्र सरकार को सार्वजनिक तौर पर वैक्सीन डोजेज की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।