प्रधानमंत्री जी ने मेरे पत्रों का जवाब नहीं देने की कसम खा रखी है: CM अशोक गहलोत


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है और कहा है कि प्रधानमंत्री ने मेरे पत्रों का जवाब नहीं देने की कसम खा रखी है। हाल ही में अशोक गहलोत ने लगातार उनके द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब नहीं देने पर पीएम की खुले मंच पर कई बार आलोचना की है और उसी कड़ी में एक बार फिर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब नहीं देते।

दरअसल अशोक गहलोत से पत्रकारों ने एक कार्यक्रम के बाद सवाल पूछा कि आपने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा बूस्टर डोज को लेकर, क्या उसका कोई जवाब आया? जिस पर गहलोत ने कहा कि 'जवाब तो नहीं देने की कसम खा रखी है प्रधानमंत्री जी ने। प्रधानमंत्री जी को चाहिए कि कम से कम मुख्यमंत्री कोई पत्र लिखे उनको, उसका जवाब आना चाहिए, वो जवाब देते नहीं हैं और मैंने बूस्टर डोज के लिए सबसे पहले आवाज उठाई है। देश के अंदर कि बूस्टर डोज का टाइम आ गया है। 9 महीने हो गए साल भर हो गया फर्स्ट डोज लगे हुए, जितने आर्टिकल आ रहे हैं देश के अंदर, आप अगर पढ़ेंगे तो पाएंगे कि दुनियाभर के मुल्कों के अंदर कई जगह बूस्टर डोज प्रारंभ हो गई है, बच्चों को भी वैक्सीनेशन शुरू हो गया है।'

उन्होंने कहा कि 'जो बीमार हैं 60+ उम्र के हैं या बीमार हैं, उन सबको प्रायोरिटी पर बूस्टर डोज लगनी चाहिए। अभी कोई स्कीम नहीं है भारत सरकार की, योजना में नहीं है। मैंने कल ही बात की है, कल ही मैंने बात की है नीति आयोग के मिस्टर पॉल से जो इस काम को देख रहे हैं, उनकी बातों से मुझे लगा कि अभी भारत सरकार की सोच नहीं है, न तो बूस्टर डोज के बारे में है और न ही बच्चों की वैक्सीनेशन के बारे में है, मैं चाहूंगा, प्रधानमंत्री जी से अपील करना चाहूंगा कि जितने भी विशेषज्ञ कह रहे हैं अभी, एक्सपर्ट्स कह रहे हैं, डॉक्टर्स लोग कह रहे हैं, उनके अनुभवों का लाभ हमें लेना चाहिए, उनको खुद को हस्तक्षेप करना चाहिए प्रधानमंत्री जी को, मुख्यमंत्रियों के साथ में बैठक करनी चाहिए जैसे पहले वो करते थे, सब राज्यों में क्या स्थिति है, वहां के डॉक्टर्स क्या कहते हैं, उनके पास फीडबैक मिलना चाहिए और बूस्टर डोज के बारे में जल्द ही फैसला करना चाहिए। अगर जो आर्टिकल आ रहे हैं, जो एक्सपर्ट्स की राय आ रही है, यूके के अंदर भयावह लहर फैल चुकी है, कहते हैं कि वहां मैक्सिमम ऑक्यूपेंसी हो गई है इसमें आईसीयू के अंदर वहां पर, जर्मनी के हालात बहुत खराब हैं, अमेरिका के हालात भी बहुत खराब हैं, ओमिक्रॉन जो है, अभी तक एक मौत हुई है यूके के अंदर, एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस गलतफहमी में नहीं रहें मुल्क और पूरी दुनिया क्योंकि ये कब अपना रूप बदल दे ये ओमिक्रॉन, ओमिक्रॉन अभी 70 मुल्कों में फैल चुका है, परंतु फॉर्च्युनेटली अभी एक मौत हुई है सिर्फ यूके में। अगर मान लीजिए इसने अपना रूप बदल दिया वेरिएंट ने, तो आप कल्पना कीजिए क्या होगा, क्या होगा? उस वक्त में हाथ-पैर फूल जाएंगे सरकार के, चाहिए कि हमें अभी तक हमने राजस्थान में कितना शानदार प्रबंधन किया, आप सब जानते हैं, देश में लोहा मानते हैं सब लोग।'