लम्बे समय बाद उड़न खटोले में गहलोत और पायलट साथ-साथ, पर सबसे बड़ा सवाल क्या सच में मिट गई दूरियां?


जयपुर. राजस्थान कांग्रेस ने शनिवार को चित्तौड़गढ के मातृकुंडिया और बीकानेर के श्रीडूंगरगढ के पास धनेरू में किसान सम्मेलन से उपचुनाव के प्रचार का आगाज किया. इसके सा​थ ही यह भी राजनीतिक मैसेज देने का प्रयास किया गया कि गहलोत और पायलट एक हैं. और ​कांग्रेस में बिना गुटबाजी की बात किए सभी को एकजुट होकर राजस्थान की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में साथ रहने का संदेश दिया.

राजस्थान के कांग्रेस नेताओं की ओर से इस चुनावी प्रचार प्रसार का आगाज होने से ठीक पहले जयपुर से रवाना होते वक्त हेलिकॉप्टर में एक साथ बैठे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्य​मंत्री सचिन पायलट के मुस्कुराते हुए चेहरे की फोटो भी जारी की गई. वो बात अलग थी कि सीएम अशोक गहलोत पहले, पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ​दूसरे, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन तीसरे और सचिन पायलट हेलिकॉप्टर में चौथे नम्बर पर बैठे प्रतीत हुए.

किसान सम्मेलन में जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जमकर केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कंधे से कंधा मिलाकर किसानों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया. इस दौरान उप चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाने का भी आह्वान किया.

इन किसान सम्मेलनों के बहाने लंबे अरसे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की एक मंच पर राजनीतिक जुगलबंदी देखने को मिली. हालांकि हाल में राहुल गांधी के दौरे के दौरान भी मंच पर नजर आए थे लेकिन दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था मानो दोनों के मन से एक ही आवाज आ रही हो कि 'पास हो तुम लेकिन पास तुम नहीं हो.'

बता दें कि इससे पहले लोकसभा चुनावों में ये दोनों नेता एक साथ एक हेलिकॉप्टर में नजर आए थे, पर बाद में संबंध और कड़वाहट की ओर बढ गए. जुलाई में सचिन पायलट की बगावत के बाद कड़वाहट इतनी बढ गई थी कि दोनों एक दूसरे को फूटी कोड़ी नहीं सुहाते थे.

बताया जा रहा है कि इस कड़वाहट को दूर करने में राहुल गांधी का दौरा और प्रदेश कांग्रेस प्रभावी अजय माकन की मध्यस्तता काफी काम आई जिसके बाद दोनों नेताओं के साथ बैठने का नजारा देखने को मिला.

बहरहाल राजस्थान की चार विधानसभा सीटों वल्लभनगर, राजसमंद, सहाड़ा और सुजानगढ़ के लिए दोनों नेता साथ कैंपेन करते नजर आएंगे, पर क्या सच में दोनों नेताओं के दिल मिल गए हैं राजनीतिक गलियारों में अभी भी यह बड़ा सवाल है.