इतनी महंगाई बढ गई कि आम आदमी का अपना घर चलाना मुश्किल, यह PM की गलत नीति और नीयत का नतीजा: CM गहलोत


जयपुर। महंगाई के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है. गहलोत ने बढ़ती महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की गलत नीतियों और नीयत को जिम्मेदार बताया है।

गहलोत ने एक बयान जारी कर कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले सात साल में महंगाई को कम करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जिसके कारण आज इतनी महंगाई हो गई है कि आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। कोविड के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है एवं बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के जेब खर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है। यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो गई है जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नीयत है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं।

गहलोत ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए महंगाई के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.23% पर थी जो मई में बढ़कर 6.30% हो गई। वहीं थोक महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड 12.94 फीसदी पर पहुंच गई। इसी प्रकार मई में खाद्य महंगाई 1.96 % से बढ़कर 5.01% के स्तर पर पहुंच गई। यह दिखाता है कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें किस तेजी से बढ़ी हैं।

मीडिया में आई कोटक इंस्टिट्यूशन सिक्योरिटीज की जून माह की रिपोर्ट का उल्लेख कर श्री गहलोत ने कहा कि नहाने के साबुन की दरों में 8% से 20%, वाशिंग पाउडर की कीमतों में 3% से 10%, खाद्य तेल में 20% से 40%, चाय में 4% से 8% एवं बेबी फूड की कीमतों में 3% से 7% की वृद्धि हुई है। ये सभी रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाले जरूरी सामान हैं। एक लीटर सरसों के तेल की कीमत 180-190 रुपये तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है। 

1 जुलाई को रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हुई 25 रुपये की बढ़ोत्तरी पर गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 255 रुपये बढ़ा दिए हैं। गैस सब्सिडी भी अब पूरी तरह बन्द हो गई है। इससे आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर पुनः कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं। यूपीए के समय 450 रुपये का गैस सिलेंडर मोदी सरकार 838 रुपये में बेच रही है। उज्ज्वला योजना में सिलेंडर पाने वाले परिवार सरकार को अपना सिलेंडर वापस देना चाहते हैं। यह मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही परिणाम है।