फोन टैपिंग को बेवजह हाउस को डिस्टर्ब करने के लिए मुद्दा बनाया, यह बीजेपी में वर्चस्व की लड़ाई: CM  गहलोत


जयपुर. राजस्थान में नेताओं के फोन टैपिंग का मामला एक बार फिर जोर पकड़ चुका है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच जहां विधानसभा में फोन टैपिंग के मुद्दे पर सियासत परवान चढ़ चुकी है वहीं दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में सोशल मीडिया जंग भी जारी है. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर फोन टैपिंग प्रकरण पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मैं 14 अगस्त, 2020 को ही पूरी बात रख चुका हूं। ऐसा लगता है कि ये बीजेपी का आपसी झगड़ा है। वर्चस्व की लड़ाई है। जिसमें बेवजह मुद्दे बनाये जा रहे हैं। अनावश्यक रूप से हाउस को डिस्टर्ब किये जाने की कोशिश है। बता दें कि अशोक गहलोत ने राजस्थान की 15वीं विधानसभा के पंचम सत्र के पहले दिन अपने संबोाधन में इसका जिक्र किया था. 

गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ के एक प्रश्न के उत्तर में राजस्थान सरकार ने कहा था, 'सार्वजनिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में या किसी अपराध को प्रोत्साहित करने से रोकने के लिए, जो सुरक्षा या सार्वजनिक जोखिम पैदा करता है, उसे रोकने के लिए एक सक्षम अधिकारी द्वारा भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 की धारा 5 (2) और भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) नियम 2007 की धारा 419 (ए) के प्रावधानों और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के सेक्शन 69 के तहत फोन इंटरसेप्ट किया जाता है.' जवाब में आगे कहा गया, 'उपरोक्त प्रावधान के तहत राजस्थान पुलिस द्वारा टेलीफोन टैप किया गया है और केवल सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद.'

इसी जवाब के बाद लगातार विधानसभा में फोन टैपिंग के मुद्दे पर बहस चल रही है. और इसी के चलते सीएम अशोक गहलोत ने यह प्रतिक्रिया दी.

14 August 2020, क्या कहा था?


देश के अंदर हर पॉलिटिकल पार्टी में कई बार डिस्टेंस हो जाते हैं, पर जिस खूबसूरती के साथ में उसका समापन हुआ, उसका कोई धक्का किसी को लगा है देश के अंदर, तो वो अमित शाह जी को लगा, आप सबको लगा। उससे आप बौखलाए हुए हो, आज बौखलाहट आपकी नजर आ रही थी। आप ऐसे बंदे थे और हो सकता है सही भी हो, कि आपके माननीय अध्यक्ष महोदय आपकी पार्टी के और माननीय उप नेता प्रतिपक्ष, जानबूझकर गए या अनजाने में गए, पता नहीं। परंतु या तो दोनों ने मिलकर आपसे बातें छिपाई हैं या केंद्र सरकार के जो बड़े-बड़े नेता इस षड्यंत्र में शामिल थे आपके, उन्होंने आपको इन्वॉल्व नहीं किया है, इन दोनों को इन्वॉल्व किया है। इसलिए आप हो सकता है कि इनोसेंटली बोल रहे हो, इनोसेंटली बोल रहे हो इसलिए मैं आपको क्या कहूं, क्योंकि आप नेता प्रतिपक्ष हो और आपकी यहां कैसी चल रही है मालूम है आपको। किन-किनको इन्वॉल्व करना है, कौन केंद्रीय मंत्री इन्वॉल्व थे (श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत), आपको मालूम भी है, उनका नाम तो ऑडियो टेप में आ ही गया और टेप कैसे हो गई, अरे आप तो गृह मंत्री रहे हैं, मुझसे पूछ रहे हो? लीगल होता है, इललीगल होता है, वो आप मुझसे पूछ रहे हो? राजस्थान में कभी परंपरा रही नहीं है इललीगल विधायकों के, एमपी के टेप करने की और न यहां हुआ है, ये मैं कह सकता हूं राजस्थान में।

 

17 एवं 20 जुलाई, 2020 को क्या कहा था?


देखिए बात सुनिए, ये इतने घबरा गए हैं, सबको मालूम है कि किसकी आवाज है (श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत), जनता इतनी मूर्ख नहीं है कि उनको सफाई देनी पड़ रही है कि गंगानगर की है कि धौलपुर की है कि जयपुर की है कि जोधपुर की है आवाज। 
सबको मालूम है और राजस्थान में परंपरा कभी रही नहीं है इललीगल टैप करने की, इललीगल सर्विलांस करने की परंपरा रही नहीं है यहां पर। इसलिए इनके तर्क जो हैं उनके कोई मायने नहीं हैं। चीफ सेक्रेटरी हों चाहे होम सेक्रेटरी हों, उनको नौकरी करनी होती है, वो इललीगल काम कभी नहीं कर सकते हैं। जो कुछ भी यहां पर सर्विलांस होती है, जिन लोगों के लिए होनी चाहिए तो वो कायदे से होती है। 
ये कहना कि मुख्यमंत्री हमारे फोन टेप करवा रहा है, अरे मैं स्वयं जब आरोप लगाता हूं केंद्र सरकार पर कि आज पूरा देश डरा हुआ है, टेलीफोन पर बात करते हुए डरता है कि भई व्हाट्सएप पर बात करो, कहीं बात हमारी टेप हो रही होगी ? पूरे देश के इंडस्ट्रियलिस्ट्स हों, व्यापारी हों, पॉलिटिशियन हों, डरे हुए हों और मेरा आरोप केंद्र सरकार पर ये होता है कि ये माहौल बन गया है पूरे देश के अंदर, वो व्यक्ति (CM) कैसे इललीगल सर्विलांस करवा सकता है बताइए आप? इसलिए मैंने कहा, "कुछ लोगों ने कहा है कि आपके घर पर टेप बन गई, आपके ऑफिस में टेप बन गई, उन्होंने रिलीज़ की है", मैंने कहा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर प्रूव कर दें तो।