मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खाया 8 रूपए प्रति प्लेट वाला खाना, बोले-महगांई का जमाना है...


जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को 8 रूपए थाली वाला खाना खाया। बिना संकोच के सीएम का गरीबों के बीच इस तरह से खाना खाना राजस्थान में चर्चा का विषय बना। इतना ही नहीं गहलोत ने इंदिरा रसोई में भोजन करने आए लोगों को भोजन भी परोसा। गहलोत ने इसके जरिए एक संदेश भी दिया कि कोई आदमी छोटा-बड़ा नहीं होता। गहलोत की इस सादगी के चर्चे भी जोधपुर में रहे। मौका था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोईयों का शुभारंभ कार्यक्रम का। प्रदेश की 512 नई इन्दिरा रसोइयों के उद्घाटन के बाद यहां सीएम गहलोत खाना खाने पहुंचे थे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, विधायक सूर्यकांता व्यास, संयम लोढ़ा, कृष्णा पूनिया, मेयर कुंती देवड़ा भी मौजूद रहे।

अब राजस्थान में इन्दिरा रसोइयों की संख्या 870 हो जाएगी जिनमें 8 रुपये में शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिलेगा। अभी इन्दिरा रसोई की प्रत्येक थाली में राज्य सरकार 17 रुपये अनुदान दे रही है जिससे प्रतिदिन लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

गहलोत ने इस मौके पर कहा कि "महंगाई का जमाना है, बेरोजगारी है, इस बीच हमारा लक्ष्य है कि कोई भी भूखा ना सोए। कोरोनाकाल में भी हमने किसी को भूखा नहीं मरने दिया, ना ही भूखा सोने दिया। ऐसे में इंदिरा गांधी रसोई योजना एक शानदार योजना है। राजस्थान की परम्परा के मुताबिक भामाशाहों ने इस योजना में अच्छा सहयोग दिया। लोगों को हर तरह से सोशल सिक्यूरिटी देना हमारी प्राथमिकता है। यहां रसोई में खाना खाने आने वाले लोगों की आव भगत हो, मान सम्मान हो, उस आदमी को यह नहीं लगना चाहिए कि मैं गरीब हूं, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए।"

बता दें कि सीएम गहलोत ने 20 अगस्त 2020 को प्रदेश में कोई भूखा ना सोय के संकल्पना से 213 नगरीय निकायों में 358 स्थाई रसोइयों के जरिए इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया था। योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति द्वारा रसोई संचालन के लिए 300 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं अथवा एनजीओ का चयन किया गया है। योजना के तहत अब तक 7 करोड़ से ज्यादा भोजन थाली परोसी जा चुकी हैं। वर्तमान में 358 रसोईयां संचालित है जिन्हें बजट घोषणा में बढ़ाकर 1000 किया गया है। योजना के तहत हर साल 125 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था जिसे वित्तीय वर्ष 2022 23 की बजट घोषणा में बढ़ाकर 250 करोड़ रूपये किया गया।