अब छत्तीसगढ़ में DM आउट ऑफ कंट्रोल, युवक को जड़ा थप्पड़, माफी मांगी लेकिन CM बोले हटाओ ऐसा DM


सूरजपुर। हाल ही में पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव का कोरोना गाइडलाइन की पालना कराने के नाम पर शादी में जबरदस्त बवाल काटने का मामला सामने आया था और चलती शादी में कलेक्टर की दबंगई का वीडियो देशभर में वायरल होने के बाद चर्चा में रहा और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। 

बावजूद इसके छत्तीसगढ़ के सूरजपुर DM रणबीर शर्मा ने कोई सबक नहीं सीखा और कोरोना टेस्ट कराने गए नवयुवक को सिर्फ अपनी हनक में जमकर चांटा जड़ दिया और पुलिस वालों से भी पिटवाया। इससे पहले उसका मोबाइल भी छीन कर तोड़ दिया। और अब उनका भी वही हाल हुआ सस्पेंड कर दिया गया।

अब सवाल यह उठता है कि मान लो नवयुवक ने कोविड गाइडलाइंस के नियमों की अवहेलना भी की है तो उस पर नियमानुसार चालान की कार्रवाई या अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती थी, डीएम को इस तरह से मोबाइल छीन कर उसे तोड़ने, लड़के को चांटा मारने और फिर पुलिस वालों से पिटवाने का अधिकार किसने दिया? जहां एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए ऐसे अधिकारी से संयमित, आदर्श पूर्वक, मर्यादित व्यवहार की उम्मीद की जाती है वहां पर इस तरह से आपा खोने वाले अधिकारियों में जनता का कितना भरोसा कायम रह पाता होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

उधर देशभर में एक और डीएम का यह वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर उनकी आलोचना की जा रही है। हालांकि डीएम को भी बाद में अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने चांटा मारने के मामले में माफी भी मांग ली।

लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने भी वीडियो देखा और इसे बहुत गंभीर मामला बताया। और तुरंत डीएम को हटाने के निर्देश दिए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि 'सोशल मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। इस घटना से क्षुब्ध हूँ। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूँ।'

साथ ही CM बघेल ने यह भी कहा कि 'किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है।'

बहरहाल एक सीनियर आईएएस अधिकारी होने के बावजूद डीएम द्वारा इस तरह का व्यवहार किया जाना देशभर में आलोचना का कारण बन रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूरजपुर के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा 2012 बैच के आईएएस हैं और उन्हें कांकेर जिले में अगस्त, 2015 में एसडीएम पद पर तैनात रहने के दौरान 10 हजार रुपये नकद रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने पकड़ा था। उन्हें अपने मातहत पटवारी से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। इसके अलावा उन दिनों वह कांकेर के भानुप्रताप पुर ब्लॉक के एसडीएम थे। बताया जाता है कि इस घटना से भी पहले 2014 में उन पर एक भालू पर गोली चलवाने का मामला भी दर्ज हुआ था।

1 जनवरी 2014 को मरवाही तहसीलदार और गौरेला एसडीएम का चार्ज रहने के दौरान उन्होंने पुलिस को एक भालू पर गोलिया चलाने के लिए मजबूर किया और भालू को 11 गोलियां मारी गई थी। तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मामले की जांच के आदेश भी दिए थे। जब उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था तो कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था लेकिन वक्त बदलने के साथ ही कांग्रेस सरकार ने उन्हें जिलाधिकारी का रुतबा दिया और अब उनका वीडियो वायरल होने के बावजूद सख्त कार्रवाई से बचती दिखाई दे रही है।