चिमनलाल भरतिया चेरिटेबल ट्रस्ट की करोड़ों की जमीन के अवैध बेचान का मामला CMO और DGP तक पहुंचा, ट्रस्ट ने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की करी मांग


जयपुर. राजस्थान के चुरू जिले में चिमनलाल भरतिया चेरिटेबल ट्रस्ट की करीब 20 हजार गज जमीन के अवैध बेचान और खरीद का मामला राजस्थान के मुख्यमंत्री और डीजीपी कार्यालय तक पहुंच गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका से इस मामले में निष्पक्ष और तुरंत कार्रवाई को लेकर जहां हाल में ट्रस्ट के सदस्यों ने मुलाकात की थी वहीं शुक्रवार को राजस्थान पुलिस के ​मुखिया डीजीपी एमएल लाठर को भी ट्रस्ट के सदस्यों और अधिवक्ता की तरफ से इस मामले में ज्ञापन सौंपकर शिकायत की गई. 

ट्रस्ट के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद स्थानीय पुलिस पर भू माफियाओं के दबाव और प्रभाव के चलते उचित कार्रवाई नहीं हो रही है. जिससे भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वो ट्रस्ट के सदस्यों को ही धमकियां देने पर आमदा हैं.


ट्रस्ट के अधिवक्ता जीएल सोनी ने बताया कि न्यायालय द्वारा इस जमीन के मामले में ट्रस्ट के पक्ष में किए गए फैसलों की कॉपियां डीजीपी को सौंपी गई, जिसके जरिए यह बताया गया कि किस तरह से अवैध, जाली दस्तावेजों के साथ जमीन बेचने और खरीदने का खेल खेला गया. हमने मामले में उन 21 आरोपियों की भी तुरंत गिरफ्तारी की मांग करी है जिनके खिलाफ ट्रस्ट ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें प्रमुख आरोपी 
मनोज कुमार सोनी पुत्र ओमप्रकाश सोनी, जयराम पुत्र झाबरसिंह जाट, नारायण सैनी पुत्र जगन सैनी, रोहिताश कुमार पुत्र बीरबल राम जाट, विकास कुमार पुत्र निहालचंद, धर्मवीर राहड़ पुत्र श्रीपाल जाट, धर्मेन्द्र धायल पुत्र फूलसिंह, बीरबल सिंह फगेडिया पुत्र इश्वर सिंह, सोनू कुमार सोनी पुत्र महावीर प्रसाद सोनी, अमित कुमार पुत्र रामनिवास, मुकेश कुमार पुत्र हरिराम, विकास अग्रवाल पुत्र पवन कुमार अग्रवाल, लादूराम पुत्र मेघाराम, राजेश कुमार पुत्र लखपत सिंह, सुभाष चन्द्र पुत्र जगदीश प्रसाद, नरेश कुमार पुत्र श्रीचंद,​ विष्णु कुमार पुत्र सुभाष चन्द्र, मनोज कुमार ढाका पुत्र शीशपाल सिंह ढाका, सुमेर सिंह पुत्र रामकरण, संदेश कुमार पुत्र जुगल किशोर, अमित कुमार पुत्र रमेश  कुमार, सुरेन्द्रपाल सिंह पुत्र रंजीत सिंह हैं. 

उधर चिमनलाल भरतिया चेरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य महेश भरतिया ने कहा कि सीएम प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और डीजीपी एमएल लाठर से मुलाकात में उनके ट्रस्ट ने मय तथ्य सारी पीड़ा बता दी है, दोनों ही अधिकारियों ने जवादेह और जिम्मेदार तरीके 
से तुरंत मामले में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हमें पूरा भरोसा है कि सरकार ट्रस्ट की पी​ड़ा और तथ्यों को जानने के बाद में उचित कार्रवाई जरूर करेगी.