कैबिनेट ने PM विद्यालक्ष्मी योजना को दी मंजूरी: मेधावी छात्रों को मिलेगा 10 लाख तक का सस्ता लोन, उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय बाधाएं होंगी खत्म


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 6 नवंबर 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लेते हुए केंद्र सरकार ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य है कि मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता प्रदान की जाए ताकि आर्थिक सीमाएं उनकी पढ़ाई में बाधा न बनें। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना भारत के लाखों छात्रों के लिए वरदान साबित होगी।

इस योजना के तहत, 7.5 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण छात्रों को बिना जमानत के मिलेगा, जिसमें 75% क्रेडिट गारंटी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, जिन परिवारों की सालाना आय 8 लाख रुपये तक है, उनके बच्चों को 3% ब्याज अनुदान के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जाएगा। वहीं, 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले छात्रों को पहले से ही पूर्ण ब्याज अनुदान मिल रहा है। इस योजना के माध्यम से 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा केंद्रों में पढ़ने वाले 22 लाख से अधिक मेधावी छात्रों को सहायता मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना एक ऐतिहासिक कदम है, जो मेधावी छात्रों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मदद करेगी। इसके तहत छात्रों को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन लेने में किसी भी तरह की जमानत या गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी। यह वित्तीय सहूलियत उन्हें न केवल ट्यूशन फीस बल्कि सिलेबस से जुड़े अन्य खर्चों के लिए भी मिलेगी, जिससे उनकी उच्च शिक्षा की राह आसान होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य उन छात्रों की मदद करना है जो उच्च शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं लेकिन वित्तीय परेशानियों के कारण अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। यह योजना देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करेगी। योजना का लाभ भारत के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को मिलेगा, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देंगे।

केंद्र सरकार की इस योजना से छात्रों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। वैष्णव ने कहा कि यह योजना युवाओं को अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने में सहायक होगी और उनके भविष्य को एक मजबूत दिशा देगी। इस ऐतिहासिक योजना के माध्यम से शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों को एक नया आयाम मिलेगा।