भारतीय मानक ब्यूरो ने 'मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखो' श्रृंखला का शुभारंभ किया


नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखने के उद्देश्य से छात्रों के लिए एक अनूठी पहल 'लर्निंग साइंस वाया स्टैंडर्ड्स' शुरू करने की घोषणा की है। 'मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखने' की विशेष पहल वैज्ञानिक अवधारणाओं, सिद्धांतों एवं नियमों का उपयोग करने के उद्देश्य से पाठ्य योजनाओं की एक श्रृंखला पर केंद्रित है, जो विद्यार्थियों को संबंधित भारतीय मानकों में बताए गए विभिन्न उत्पादों की गुणवत्ता विशेषताओं के निर्माण, कार्य तथा परीक्षण में उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझाने में सहायता करती है। पाठ्य योजनाओं के विषय काफी हद तक दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से संबंधित हैं और विषयवस्तु को पाठ्यक्रम के साथ-साथ औद्योगिक अनुप्रयोगों के भाग के रूप में शिक्षा के लिए उनकी प्रासंगिकता के आधार पर चुना गया है।भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी और संसाधन कर्मी परस्पर संवादात्मक तरीके से सीखने के अनुभव को साझा करने के उद्देश्य से विद्यार्थियों के लिए पाठ योजनाओं का संचालन करेंगे। इन पाठ्य योजनाओं को बीआईएस की वेबसाइट पर भी होस्ट किया जाएगा। इसके अलावा, पाठ्य योजनाएं स्कूलों तथा कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता एवं मानकों के महत्व को प्रदर्शित करने और उन्हें अपने भविष्य के किसी भी प्रयास में वास्तविक जीवन की परिस्थितियों का साहसपूर्वक सामना करने में सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक साधन के रूप में भी कार्य करेंगी। यह उल्लेखनीय है कि 'लर्निंग साइंस वाया स्टैंडर्ड्स' श्रृंखला पहले से ही बीआईएस के साथ निरंतरता में है, जिसके तहत देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में 'मानक क्लब' स्थापित किए जा रहे हैं। एक लाख से अधिक विद्यार्थी सदस्यों के साथ ऐसे 4200 से अधिक क्लब पहले ही बन चुके हैं। इन क्लबों के तहत गतिविधियां शुरू करने हेतु 3400 से अधिक विज्ञान शिक्षकों को मेंटर के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। 'मानक क्लब' मानक-लेखन प्रतियोगिताओं के अलावा वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी और अन्य प्रतियोगिताओं जैसी विद्यार्थी-केंद्रित गतिविधियों का आयोजन करता है। विभिन्न विनिर्माण और परीक्षण प्रक्रियाओं के साथ-साथ बीआईएस के कार्यालयों को सीखने वाले स्थानों के रूप में विकसित करने के लिए विद्यार्थियों को उद्योगों एवं प्रयोगशालाओं के एक्सपोजर दौरे पर भी ले जाया जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो इन क्लबों को एक वर्ष में तीन गतिविधियों को संचालित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।