रेलवे और हिंदुस्तान जिंक द्वारा जमीन अवाप्ति के बाद कोई मुआवजा या नौकरी नहीं मिली तो रेलवे लाइन पर किया था ब्लास्ट, आरोपी गिरफ्तार


जयपुर. कुछ दिनों पहले राजस्थान में उदयपुर अहमदाबाद रेलवे लाइन को ब्लास्ट करने की साजिश रची जाने का मामला सामने आया था। जिसका राजस्थान पुलिस ने खुलासा कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस रेलवे लेन का लोकार्पण किया था। महज 13 दिन में ही ट्रैक को ब्लास्ट करने की घटना से प्रशासन सकते में आ गया था।

राजस्थान की सुरक्षा एजेंसियों के साथ केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले की जांच में लगी थी। घटना के बाद मौक से बारूद भी बरामद किया गया था। किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही थी। आखिरकार सुरक्षा एंजेसियों को इस मामले में सफलता मिल गई है। राजस्थान पुलिस के एडीजी अशोक राठौड़ ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए बताया कि पुल पर हुई ब्लास्ट की घटना के पीछे कौन था।

राठौड़ ने बताया कि 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक द्वारा अवाप्त की गई थी, जिसके लिए उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली। इसके लिए यह व्यक्ति लगातार कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने के कारण इसका गुस्सा इतना परवान चढ़ गया कि इसने बदले की भावना इस साजिश का रचा और घटनाक्रम को अंजाम दिया। मामले में तीन लोगों धूलचंद मीणा, प्रकाश मीणा व एक बाल अपचारी को किया निरूद्ध किया गया है। इन्होंने अंकुश सुवालका से ये विस्फोटक खरीदा था। जिसे भी डिटेन कर लिया गया है। बहरहाल राजस्थान एटीएस और एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ के इस खुलासे के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है लेकिन अभी पुलिस घटनाक्रम के पीछे किसी भी तरह की साजिश को गंभीरता से जांच रही है।