ताजमहल की जगह पहले महल था, शाहजहां ने कब्जा किया था, जयपुर राजपरिवार की है वो जमीन: सांसद दीया कुमारी


जयपुर। ताज महल विवाद पर नित नए मामले और बयान सामने आ रहे हैं। अब भाजपा सांसद दीया कुमारी ने कहा है कि हमारे पास जो दस्तावेज़ हैं, उनके मुताबिक इस जमीन पर पहले महल था जिस पर शाहजहां ने कब्ज़ा किया था। उसके बदले में कुछ मुआवजा दिया गया था। उस समय ऐसा कोई क़ानून नहीं था कि आप अपील कर पाते।

दीया कुमारी ने कहा कि निश्चित तौर पर वो ज़मीन जयपुर पूर्व राजपरिवार की थी। अच्छा है कि किसी ने आवाज़ उठाई और याचिका दायर की है। अगर आवश्यकता पड़ेगी तो हम दस्तावेज़ उपलब्ध कराएंगे। वो ज़मीन हमारे राज परिवार की थी।

बता दें कि ताजमहल को लेकर यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने याचिका दायर की है। डॉ. सिंह ने अपनी याचिका में ताजमहल के उन 22 कमरों को खोलकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने की मांग की है, जो लंबे वक्त से बंद हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं। अगर सर्वे होता है तो इससे मालूम चलेगा कि ताजमहज में हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं या नहीं ? वर्ष 2017 में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं। स्वामी ने कहा था- 'हम ताजमहल के दस्तावेजों तक पहुंचे हैं। इस बात का प्रमाण है कि शाहजहां ने जयपुर के राजा-महाराजाओं से जबरन उस जमीन को बेचने के लिए कहा था, जहां ताजमहल बना है। शाहजहां ने उन लोगों हर्जाने के रूप में 40 गांव दिए थे, जो कि ताजमहल की जमीन की कीमत के मुकाबले कुछ भी नहीं था।'