राजस्थान सरकार का युवाओं के लिए बड़ा फैसला, RAS भर्ती एवं कुछ विशिष्ट सेवा नियमों को छोड़कर अन्य सभी सेवा नियमों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाया


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन, समान पात्रता परीक्षा के आयोजन, सीधी भर्तियों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने एवं कुछ पदों पर साक्षात्कार का भारांक अधिकतम 10 प्रतिशत निर्धारित करने का फैसला किया गया है। एक जैसी पात्रता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब समान परीक्षा आयोजित होगी। मंत्रिमंडल ने निर्णय किया कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध एवं एकीकृत किये जाने की दृष्टि से एक जैसी पात्रता वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं ;जैसे ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारी इत्यादि के स्थान पर अब समान पात्रता परीक्षा (CET) आयोजित होगी। इसके लिए राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा समान पात्रता परीक्षा नियम 2022 बनाया जाना है। समान पात्रता परीक्षा से अब अभ्यार्थियों को विभिन्न पदों की भर्ती के लिए बार-बार आवेदन करनेए परीक्षा में शामिल होने, आवेदन शुल्क एवं यात्रा में व्यय करने से निजात मिलेगी। वहीं, भर्ती एजेंसियों द्वारा कई बार परीक्षा लेने में लगने वाले समय, व्यय एवं श्रम से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट वर्ष 2021-22 में इस संबंध में यह घोषणा की गई थी। उधर सीधी भर्ती में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने और कुछ पदों पर साक्षात्कार का भारांक अधिकतम 10 प्रतिशत रखने का निर्णय भी किया गया। बैठक में ऐसे पद जिनकी कार्य प्रकृति एवं भूमिका के कारण चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार आवश्यक नहीं समझा गया है, उनमें साक्षात्कार के प्रावधान को हटाने एवं ऐसे पद जिनमें संवाद कौशल की आवश्यकता है उनमें भारांक कुल अंकों का अधिकतम 10 प्रतिशत निर्धारित करने के लिए संशोधन का निर्णय किया गया। साथ ही राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने वाले जिन पदों के लिए साक्षात्कार का प्रावधान है, उन पदों में राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं; संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती नियम 1999; आरएएस भर्ती एवं कुछ विशिष्ट सेवा नियमों को छोड़कर अन्य सभी सेवा नियमों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने का निर्णय लिया गया है।