गहलोत के खिलाफ मानेसर जाने वाले विधायक अब बोले -गहलोत और पायलट खेमा संघर्ष विराम घोषित करे, फिलहाल कुछ होने वाला नहीं है


जयपुर। राजस्थान की सियासत में एक बार फिर गहलोत और पायलट खेमा आमने सामने नजर आ रहा है। राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बीच कांग्रेस के विधायकों के लगातार सामने आ रहे हैं बयानों से ना केवल पार्टी की छवि खराब हो रही है बल्कि सरकार पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। अब सवाल यह भी उठता है कि ऐसी परिस्थिति में क्या किया जाए?

बहरहाल अब इस पूरे मामले में सचिन पायलट के साथ पिछले साल सरकार के खिलाफ मानेसर जाने वाले विधायक भंवरलाल शर्मा ने अशोक गहलोत का समर्थन किया है। अशोक गहलोत को खुद का नेता बताया है। उन्होंने कहा जब आलाकमान ने अशोक गहलोत को राजस्थान का CM बनाया है वह भी गहलोत को अपना नेता मानते हैं।

साथ ही उन्होंने कहा कि विधायकों और मंत्रियों को बेवजह की बयानबाजी से बचना चाहिए फिलहाल वक्त कोरोना संकटकाल का है। तीसरी लहर आने वाली है, उससे निपटने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। और दोनों ही टीमों के नेताओं को संघर्षविराम कर देना चाहिए क्योंकि फिलहाल कुछ होने जाने वाला नहीं है।

भंवर लाल यह भी बोले कि सियासत के खिलाफ जो इसे दूसरी लहर बता रहे हैं वो धीरे धीरे ठंडी पड जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ छोटे लोग बड़े पदों पर आ गए हैं जिससे पार्टी को नुकसान होने जा रहा है।

साथ ही बोले कि बीजेपी तो खुद ही आंतरिक गुटबाजी से जूझ रही है। वसुंधरा राजे जी को साइडलाइन करके बीजेपी को इतना बड़ा नुकसान होगा कि उसकी भरपाई कभी नहीं कर पाएगी।