ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नाम पर EHCC हाॅस्पिटल का बड़ा स्कैम आया सामने, एसएमएस अस्पताल का अधिकारी भी एसीबी ने किया ट्रेप


जयपुर। राजस्थान में बड़े हाॅस्पिटल अंग प्रत्यारोपण के नाम पर बड़े-बड़े स्कैम में लिप्त हैं इसकी एक बड़ी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब भ्रष्टाचार के खिलाफ राजस्थान की मोस्ट एक्टिव एजेंसी राजस्थान एसीबी ने EHCC (ENTERNAL HEART CARE CENTER) अस्पताल और राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SMS हाॅस्पिटल कार्मिक की मिलीभगत का खुलासा किया। 


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एसएमएस अस्पताल में रुपए लेकर अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी देने वाले को रविवार देर रात गिरफ्तार किया। एसीबी की टीम ने रविवार देर रात 1.30 बजे कार्रवाई करते हुए फर्जी एनओसी देने वाले सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा।

अनिल जोशी के ईएचसीसी अस्पताल प्रबंधन से बेहद करीबी संबंध रहे हैं। वो ईएचसीसी हाॅस्पिटल के विश्वासपात्र व्यक्ति बने हुए थे और लगातार लम्बे समय से यह काम कर रहे थे। मार्केटिंग, ऑपरेशन्स, और अस्पताल के कई बडे डाॅक्टर्स के अनिल जोशी लगातार सम्पर्क में थे। वहीं एसएमएस हाॅस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह भी कई बड़े अधिकारियों और डाॅक्टर्स से करीबी रिश्ते रखते थे। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल ईएचसीसी की मिलीभगत से सांठगांठ कर गौरव सिंह अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक ईएचसीसी अस्पताल के उच्च स्तर के मैनेजमेंट और कुछ बड़े डाॅक्टर्स को यह बात मालूम भी थी। हालांकि एसीबी की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। माना जा रहा है कि इसमें ईएचसीसी अस्पताल के बड़े लोग भी शामिल हैं जिनकी शह पर यह स्कैम चल रहा था। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने एक बयान जारी कर आरोपी अनिल जोशी को सस्पेंड कर जांच में पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जब जांच होगी तो ईएचसीसी अस्पताल के अलावा कई और बड़े अस्पताल भी इस गौरखधंधे में शामिल होने का खुलासा हो सकता है। बताया यह भी जा रहा है कि इन फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट्स के आधार पर कई लोगों की जान से खिलवाड़ कर अंग प्रत्यारोपण भी किए जा चुके हैं। 

Assistant General Manager at Eternal Hospital Jaipur


उधर एसीबी ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए हैं। कार्रवाई के बाद रात को ही एसीबी के अधिकारी गौरव सिंह और अनिल जोशी के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च करने के लिए गए। सर्च की कार्रवाई सोमवार सुबह 5 बजे तक चली।

एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक एसीबी के पास तीन दिन पहले एसएमएस अस्पताल के अधिकारी ने शिकायत दी। उन्होंने शिकायत में बताया कि अस्पताल में कोई अंग प्रत्यारोपण के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट बिना कमेटी की बैठक के जारी कर रहा है। ये लोग पैसा लेकर फर्जी सर्टिफिकेट दे रहे हैं। बिना कमेटी के जारी इन सर्टिफिकेट की कोई वेल्यू नहीं हैं। ये लोग निजी अस्पतालों से सांठ गांठ कर पैसा कमाने के लिए यह सब कर रहे हैं।
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एडीजी ने बताया सूचना के बाद एसीबी के डीआईजी रवि के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने गोपनीय तरीके से संदिग्ध अधिकारी की पहचान की और पीछा करना शुरू कर दिया। रविवार देर रात को एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को.आर्डिनेटर अनिल जोशी को एनओसी के बदले लेन.देन करते समय रंगे हाथ पकड़ लिया। जांच में सामने आया कि सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह रिश्वत के बदले पिछले कई महीनों से कमेटी के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए फर्जी एनओसी बनाकर कई अस्पतालों को दे चुका है। एसीबी अब उन अन्य बड़े अस्पतालों के भी दस्तावेज खंगालने में लगी है।

Rajasthan ACB ADG Hemant Priyadarshi EHCC Hospital Jaipur, SMS Hospital Jaipur

 

ईएचसीसी के इन बड़े नामों पर उठ रहे सवाल
माना जा रहा है कि ईएचसीसी जैसे बडे अस्पताल में इस तरह के स्कैम की जानकारी ना होना और लंबे समय तक ऐसा फर्जीवाड़ा कर अंग प्रत्यारोपण के कार्य को संचालित करना ना केवल टाॅप मैनेजमेंट की लापरवाही, मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है बल्कि अस्पताल के प्रतिष्ठित और अनुभवी कोर टीम के सदस्य चैयरमेन डाॅ. समीम शर्मा, काॅ चैयरमेन एंड एमडी डाॅ. मंजू शर्मा, सीईओ डाॅ. प्राचीश प्रकाश पाण्डे के प्रबंधन पर भी सवाल उठाता है।