अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर राजस्थान सरकार ने दिया तोहफा, नर्सिंगकर्मियों की मांग के मुताबिक पदनाम बदले गए


जयपुर. राजस्थान सरकार ने अन्य राज्यों की तर्ज पर नर्सिंगकर्मियों के पदनाम बदलने का निर्णय किया है. लम्बे समय से यह मांग नर्सिंग एसोसिएशन ​द्वारा की जा रही थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया. राज्य मंत्रिपरिषद ने कोरोना संक्रमण के समय में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए करीब 13 महीने से लगातार समर्पित सेवाएं दे रहे नर्सिंग कर्मियों की सराहना करते हुए अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के अवसर पर नर्स ग्रेड-द्वितीय का पदनाम नर्सिंग आॅफिसर तथा नर्स ग्रेड-प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग आॅफिसर करने का निर्णय किया। इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।

राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष खुशी राम मीणा, जिला अध्यक्ष बालकृष्ण शर्मा, प्रदेश महामंत्री पवन सिंह जादौन, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक सपोटरा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. और सरकार का आभार जताते हुए भरोसा दिलाया कि नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर एवं नर्सिंग ट्यूटर को व्याख्याता पद नाम दिया गया है जिससे समस्त प्रदेश की नर्सेज मैं खुशी की लहर है. नर्सेज की विगत कई सालों से पदनाम परिवर्तन की मांग चल रही थी, जिसको कोरोना काल में पूरा किया गया है. उसके लिए राजस्थान सरकार का आभार. 

राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के लीगल सेक्रेटरी दिनेश वर्मा ने कहा कि कोरोना संकटकाल में सरकार का यह फैसला नर्सिंगकर्मियों को और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा, लम्बे समय से नर्सिंगकर्मियों की सम्मान की लड़ाई को आखिरकार जीत मिल गई है.

Nursing workers

उधर प्रदेश के एकमात्र महिला नर्सिंग कर्मियों के संगठन वुमन नर्सेज ऑर्गेनाइजेशन  की प्रदेशाध्यक्ष और कोविड-19 की नोडल ऑफिसर विनीता शेखावत ने कहा कि इससे प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा नर्सिंगकर्मियों में खुशी की लहर है। उन्होंने कहा कि नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर का पदनाम देकर राजस्थान सरकार ने नर्सेज को बहुत बड़ा सम्मान दिया है। वुमन नर्सेज ऑर्गेनाइजेशन की नर्सेज अपने घर परिवार से दूर अब दोगने उत्साह के साथ जब तक घर नहीं जाएंगी जब तक वह महामारी को खत्म नहीं हो जाएगी।