चिट्ठी विवाद के बाद कांग्रेस में बड़ी उठापटक, गुलाम नबी आजाद हुए महासचिव पद से आउट, तो कुछ की एंट्री, और भी हुआ बहुत कुछ


नई दिल्ली. अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कई बड़े बदलाव किया गए हैं सबसे बड़ी बात यह है कि चिट्ठी विवाद के बाद विवादों में आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से विदा कर दिया गया है. इतना ही नहीं महासचिव पद से मोतीलाल वोरा और अंबिका सोनी जैसे नेताओं को भी हटा दिया गया है. गुलाम नबी आजाद हरियाणा राज्य के प्रभारी थे.

इस फेरबदल में सबसे बड़े फायदे में राहुल गांधी के करीबी रणदीप सिंह सुरजेवाला रहे. सुरजेवाला अब कांग्रेस अध्यक्ष को सलाह देने वाली उच्च स्तरीय छह सदस्यीय विशेष समिति का हिस्सा बने हैं. इसके साथ ही सुरजेवाला को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाने के साथ कर्नाटक का प्रभारी भी बनाया गया है. महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश, हरीश रावत को पंजाब, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप, जितेंद्र सिंह को असम, अजय माकन को राजस्थान, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का प्रभारी बनाया है. बड़ी बात यह है कि इस पूरी लिस्ट में पिछले दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में रहे कांग्रेस के नेता, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नाम का कहीं भी जिक्र नहीं है जबकि माना जा रहा था कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी.