डीजीपी नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: यूपीएससी का हस्तक्षेप समाप्त, यूपी में स्थायी डीजीपी चयन के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में नई समिति"


उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है। राज्य में जुलाई 2021 में केंद्र की मंजूरी से मुकुल गोयल को डीजीपी बनाया गया था, लेकिन उनके प्रदर्शन में कमी के कारण मई 2022 में उन्हें पद से हटाकर डीजी डिफेंस नियुक्त कर दिया गया। सरकार का मानना था कि मुकुल गोयल में न केवल वरिष्ठता की, बल्कि आवश्यक प्रशासनिक दक्षता की भी कमी थी। इसके बाद से राज्य में डीजीपी के पद पर स्थायी नियुक्ति न होकर कार्यवाहक डीजीपी का प्रचलन चलता रहा, जिसमें डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा और विजय कुमार जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्थायी रूप से कार्यभार संभाला।

इस स्थिति में स्थायित्व लाने और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से, योगी सरकार ने डीजीपी नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था के तहत, अब डीजीपी चयन प्रक्रिया में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का हस्तक्षेप समाप्त कर दिया गया है। इसकी बजाय, एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो डीजीपी का चयन करेगी। इस समिति की अध्यक्षता हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज करेंगे, जबकि राज्य के मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, एक सेवानिवृत्त डीजीपी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी समिति में शामिल होंगे।

इस बदलाव का उद्देश्य डीजीपी चयन में राज्य के मौजूदा हालात और जरूरतों के अनुसार निर्णय लेना है। समिति का गठन करके राज्य सरकार ने एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त किया है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने में सहायक होगी। अब इस नई प्रक्रिया के तहत नियुक्त डीजीपी का कार्यकाल दो वर्षों का होगा। सरकार का मानना है कि इस स्थायित्व से राज्य की पुलिस प्रशासनिक प्रणाली में निरंतरता आएगी और कानून व्यवस्था के मामले में राज्य की स्थिति बेहतर होगी।

योगी सरकार द्वारा लागू किए गए इस बदलाव से यूपी में पुलिस प्रशासनिक प्रणाली को सुव्यवस्थित करने का प्रयास किया गया है। यह नई व्यवस्था न केवल चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि राज्य की पुलिस प्रणाली को भी अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने में सहायक होगी। इस बदलाव के बाद उम्मीद है कि यूपी को एक स्थायी और सक्षम डीजीपी मिलेगा, जो राज्य में कानून व्यवस्था के सुधार और सुदृढ़ता में अहम भूमिका निभाएगा।