भरतपुर में जहरीली शराब पीने से 7 की मौत, कई लापरवाह कर्मचारी, अधिकारी सस्पेंड. भरतपुर संभागीय आयुक्त को सौंपी जांच


जयपुर. राजस्थान के भरतपुर में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत का मामला गरमा गया है. विपक्ष जहां इस मामले में सरकार को आड़े हाथों ले रहा है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा कार्मिकों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया है.

CM अशोक गहलोत के निर्देश पर आबकारी, पुलिस व प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर शराब दुखांतिका पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उपचाररत पीड़ितों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए उनके समुचित उपचार के लिए प्रशासन को निर्देश दिये हैं.

मुख्यमंत्री ने इस दुखांतिका के कारणों एवं सम्पूर्ण परिस्थितियों की जांच संभागीय आयुक्त , भरतपुर से करवाने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने आबकारी , प्रवर्तन (आबकारी), प्रशासन एवं पुलिस के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही का निर्णय लिया है. भरतपुर के जिला आबकारी अधिकारी , सहायक आबकारी अधिकारी एवं एन्फोर्समेंट ऑफिसर राकेश शर्मा , बयाना आबकारी थाने के पेट्रोलिंग ऑफिसर रेवत सिंह राठौड , बयाना आबकारी निरीक्षक योगेन्द्र सिंह को निलम्बित करने , रूपवास में आबकारी एन्फोर्समेंट थाने के सम्पूर्ण स्टाफ को निलम्बित करने, पुलिस स्टेशन रूपवास के सहायक उप निरीक्षक मोहन सिंह व दो अन्य पुलिसकर्मी जिनमें बीट इंचार्ज एवं बीट कांस्टेबल शामिल हैं , को भी निलम्बित करने के निर्देश दिये हैं. एसडीएम रूपवास ललित मीणा को एपीओ किया गया. साथ ही मुख्यमंत्री ने भरतपुर सहित प्रदेश के सभी सीमावर्ती व अवैध शराब संभावित क्षेत्रों में अविलम्ब सघन अभियान चलाकर अवैध शराब की रोकथाम एवं इसमें लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध अत्यंत कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं.

 

मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये तथा अन्य पीड़ितों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता दी गई है.