PIB ने कहा- समाचार पत्रों के टाइटल निरस्त, अखबारों को DAVP की विज्ञापन सूची से निकालने की खबर जैसा कोई फैसला नहीं हुआ


नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा ढाई लाख से ज्यादा अखबारों के टाइटल निरस्त करने और सैकड़ों अखबारों को डीएवीपी से मिलने वाले विज्ञापनों की सूची से बाहर निकालने की खबर सही नहीं है. राजस्थान पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने इस खबर को गलत पाया है. कुछ मीडिया से जुड़ी वेबसाइट्स ने इस बात का खुलासा करते हुए इसे प्राथमिकता के साथ चलाया था. जिसके बाद इसी को आधार बनाकर देश भर की मीडिया जगत में इस खबर को प्राथमिकता के साथ प्रसारित किया गया और चलाया गया. लेकिन जैसे ही सूचना पीआईबी तक पहुंची तो इस खबर में स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है. इस तरह की खबरें भी गलत है.

बता दें कि इससे पहले खबरों में यह बताया जा रहा था कि भारत सरकार को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद करीब एक साल तक चली जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर देश के करीब 2 लाख 69 हजार 556 अखबारों के टाइटल निरस्त कर दिए गए हैं. इतना ही नहीं भारत सरकार ने 804 अखबारों को भी डीएवीपी की विज्ञापन सूची से बाहर निकाल दिया है. इसके अलावा उन पुराने विज्ञापनों की भी जांच की जा रही है जहां अपात्र अखबारों को अधिकारियों ने चांदी कूटने के लिए नियमों के विपरित विज्ञापन जारी कर दिए. और तो और इन अखबारों से विज्ञापनों के पैसे वसूलने के ​भी निर्देश दिए गए हैं. 

 खबरों में यह भी बताया गया था कि प्रशासनिक अधिकारियों की एक हाई लेवल टीम पुरानी सारी गड़बड़ियों की जांच में जुट गई है. यह टीम अपात्र अखबारों और ​पत्रिकाओं को दिए गए सरकारी विज्ञापनों को लेकर मिली शिकायतों की जांच करेगी. जहां गड़बड़ी मिले वहां रिकवरी और कानूनी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं. सरकार के इस बडे एक्शन के बाद देशभर के मीडिया जगत में मानो हड़कंप मच गया हो.