कई बड़े अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स पर हो रही थी दवाओं की कालाबाजारी, ड्रग कंट्रोलर की टीम ने मारा छापा, 12 के लाइसेंस सस्पेंड


जयपुर। कोरोना संकटकाल में भी कई बड़े अस्पताल और दवा विक्रेता कालाबाजारी और मरीजों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही मामलों में लगातार शिकायतें मिलने के बाद शनिवार को औषध नियंत्रक दल ने जयपुर के बड़े अस्पतालों में स्थित मेडिकल स्टोर्स व अन्य मेडिकल स्टोर्स का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अनियमितताएं पाए जाने पर इन स्टोर्स का लाइसेंस 2 से 15 दिनों के लिए दंड स्वरूप निलंबित कर दिया है।

इनमें जवाहर सर्किल स्थित इटरनल हैल्थ केयर सेंटर एंड रिसर्च हॉस्पीटल, गोपालपुरा बायपास स्थित रूकमणी बिरला हॉस्पीटल, मानसरोवर के मेट्रो मास हॉस्पीटल, विद्याधर नगर स्थित मणिपाल हास्पीटल में स्थित मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया।

औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि शहर में दवाओं की कालाबाजारी और दवाओं के मनमाने दामों पर बेचने के मामलों पर दल द्वारा प्रतिदिन कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में यह कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन का मरीजों को बेचान राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरो से अधिक कीमत पर किए जाने व अन्य अनियमितताएं पाये जाने के कारण इनके मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस कुछ दिनों के लिए निलंबित किया गया।

सहायक औषध नियंत्रक दिनेश तनेजा ने बताया कि इसी तरह सीकेएस लाइफ केयर, सांगानेर के डीएस फार्मा और लाइफलाइन मेडिकोज, जेएलएन मार्ग के सूर्या एंटरप्राइजेज, मालवीय नगर के भाग्यश्री मेडिकोज एंड प्रोविजन स्टोर, 22 गोदाम स्थित ओमशिव मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर, नेहरू बाजार स्थित लाइफ सेवर स्टोर और मुरलीपुरा स्थित श्री नारायण मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर पर टीम द्वारा बोगस ग्राहक भेजा गया। इन स्टोर्स पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोरोना के इलाज की दवाइयां बिना चिकित्सीय परामर्श पत्र के बेचने व बिना बिल के एवं रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा बेचना पाया गया। इसके अलावा कोरोना में काम आने वाले उपकरण, मास्क आदि की मनमानी कीमतें वसूलना इस प्रकार की अनियमितताएं पाई गई।

उधर औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा के निर्देशन में एक और बड़ी कार्रवाई की गई। कोरोना वायरस एवं ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाली दवाओं एवं उपकरणों के मनमाने दाम वसूलने पर चौमूं के बराला अस्पताल पर कार्रवाई की गई। बराला हॉस्पिटल की फार्मेसी में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रेमडेसीविर के मूल्य से अधिक मूल्य वसूला जा रहा था। हॉस्पिटल की फार्मेसी में सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ सिंधु कुमारी महेश बयाडवाल एवं नवीन जाजोरिया की टीम ने यहां भी कार्रवाई की।