जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनावों को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक अपने बयानों के जरिए सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। हालांकि इस नाराजगी का यह मतलब कतई नहीं निकाला जाना चाहिए कि वो राज्यसभा में कांग्रेस का साथ नहीं देंगे, लेकिन फिलहाल इन नेताओं ने अपने बयानों से ऐसा ही माहौल बना दिया है। पर किसी भी कांग्रेस समर्थित विधायक ने अभी तक यह साफ नहीं कहा है कि वो राज्यसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ वोट देंगे।
अब नाराज विधायक अपने अपने हिसाब से रणनीति बनाने में जुटे हैं। सरकार पर इस गोल्डन चांस के जरिए अपनी मांगे मनवाने का रणनीतिक दबाव बना रहे हैं। जिस पर सरकार के मजबूत नेताओं की एक टीम तुरंत एक्शन लेकर विधायकों को संतुष्ट करने का हर संभव प्रयास कर रही है। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की अगुवाई में बसपा मूल के विधायक अभी तक कांग्रेस की उदयपुर में अघोषित बाड़ेबंदी में शामिल नहीं हुए है।
इस ग्रुप में बसपा से कांग्रेस में आए संदीप यादव, लाखन सिंह मीणा, वाजिब अली, कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा व खिलाड़ीलाल बैरवा शामिल हैं। इस ग्रुप के 5 नेताओं की सरिस्का में सफारी की फोटो खूब वायरल हो रहीी है वहीं खिलाड़ीलाल बैरवा को छोड़कर सभी बसपा से कांग्रेस में आए हुए नेता हैं। सभी छह नेताओं ने मंत्री गुढ़ा के घर पर बैठक करके रणनीति बनाई। राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली, लाखन मीणा और गिर्राज सिंह मलिंगा लगातार सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं।
इन नेताओं ने कहा- उनके साथ न्याय नहीं हुआ। नाराज विधायकों ने अफसरशाही पर काम अटकाने का आरोप लगाया है। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा लंबित काम कई बार आवाज मुखर कर चुके हैं। वाजिब अली भरतपुर जिले में कामां-पहाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन और घटिया क्वालिटी की सड़कें बनाने का मामला लगातार उठा रहे हैं। मलिंगा उन पर हुए मुकदमे की वजह से नाराज हैं। बताया यह भी जा रहा है कि उन्होने उनके क्षेत्र के एसपी को हटाने की शर्त सरकार के सामने रख दी है।
उधर वर्तमान में राजस्थान की चार सीटों पर हो रहे राज्यसभा चुनाव में बसपा ने निर्णय लिया है कि पार्टी भाजपा और कांग्रेस की ओर से खड़े किए गए उम्मीदवारों का विरोध करती है. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी के सभी विधायक अपना वोट निर्दलीय उम्मीदवार को देंगे.
बसपा ने व्हिप के जरिए साफ चेतावनी दी है कि पार्टी के आदेश को नहीं मानने पर यह व्हिप का उल्लंघन माना जाएगा और उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है किराजस्थान में बीएसपी के चुनाव चिन्ह पर 6 विधायक चुनाव जीत कर आए थे. हालांकि ये सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. विधायकों की कांग्रेस में विलय की विधानसभा अध्यक्ष से मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में ये सभी विधायक अपने आप को कांग्रेस के विधायक मानते हैं. जानकार यह भी कहते हैं कि बीएसपी की ओर से जारी की गई व्हिप को मानना अब इन विधायकों लिए बाध्य नहीं है. पर देखना होगा कांग्रेस से नाराजगी के बीच यह विधायक किस ओर करवट लेते हैं।