सरपंच संघ के प्रस्तावित महापड़ाव से पहले जनप्रतिनिधियों में दो फाड़! अब सरकार के समर्थन में महापड़ाव के विरोध में जयपुर में जुटने लगे जनप्रतिनिधि


जयपुर। क्या राजस्थान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग से जुड़े जनप्रति​निधियों में आपसे में फूट है? जयपुर के शहीद स्मारक पर अपनी 23 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर राष्ट्रीय सरपंच संघ ने 5 अगस्त से शहीद स्मारक पर महापड़ाव डालने की घोषणा की है। जिसको लेकर सरकार के विरोध में बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी है। विभाग के मंत्री के खिलाफ राष्ट्रीय सरपंच संघ नाराजगी जता रहा है। कई दिनों से इसकी तैयारियां भी की जा रही है। लेकिन अब सरकार के समर्थन में भी जनप्रतिनिधि आ गए हैं। 
समर्थक जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय सरपंच संघ के महापड़ाव को नाजायज बताते हुए इससे दूरी बना ली है। ना केवल दूरी बनाई है बल्कि इस महापड़ाव के विरोध में जयपुर में डेरा डालने का भी ऐलान कर दिया है। 

सरपंच संघ के महापड़ाव का विरोध करते हुए इन जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि यह महापड़ाव राजनीति और द्वेषता से प्रेरित है। क्योंकि लम्बे समय बाद गांवों को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में बेहतर कार्य हो रहा है। पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचने लगा है। दलाल सिस्टम पर नकेल कसी गई है। करोड़ों रुपए के सरकारी और आमजन के पैसे की छीजत रोकी गई है। मुख्यमंत्री की मंशा के मुताबिक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया है।

चूंकि केन्द्र सरकार द्वारा भी कई मामलों में पैसा तभी जारी किया जाता है जब समय समय पर आॅडिट की जाए, जो विकास कार्य का पैसा जारी किया गया है उसका हकीकत के धरातल पर लाभार्थी को लाभ मिले। अन्यथा यह पैसा रोक दिया जाता है। ऐसे में हम राजस्थान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार लिए जा रहे एक्शन की सराहना करते हैं। नरेगा, राजीविका, स्वच्छ भारत मिशन, वाटरशेड, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना, महात्‍मा गॉधी जन भागीदारी विकास योजना हो या स्‍व-विवेक जिला विकास योजना, डांग क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, महात्‍मा गांधी आदर्श ग्राम योजना, स्‍मार्ट विलेज योजना हो.... सभी में बेहतर काम देखने को मिला है। लेकिन कुछ लोगों को यह विकास कार्य पच नहीं रहे हैं, बेवजह राजनीतिक धरातल तलाश रहे लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में यदि सरकार कोई जांच करवाती है या एक्शन लेती है तो इसमें बुराई ही क्या है। बल्कि यह तो अच्छे जनप्रतिनिधियों का आमजन में भरोसा कायम करने वाला काम है। 

ऐसे में हम इस महापड़ाव का बहिष्कार और विरोध का निर्णय किया है। हम इसमें शामिल नहीं होंगे। साथ ही हम भ्रष्टाचार के खिलाफ और गांवों के विकास के लिए सरकार के समर्थन में जयपुर में डेरा डालेंगे। हमारे साथ राज्य के विभिन्न जिलों के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग से जुड़े जनप्रतिनिधि और सरपंच शामिल होंगे। सरकार के समर्थन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज आने वाले जनप्रतिनिधि सरपंच संघ राजस्थान के जयपुर में होने वाले महापड़ाव का विरोध करेंगे।

उधर राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष जयराम पलसानिया ने कहा कि हममें कोई गुटबाजी नहीं है। सभी जिलों के जनप्रतिनिधि हमारे साथ हैं। विरोध करने वाले हैं वो भी हमारे साथ आ जाएंगे।