राम मंदिर विवाद का THE END, फैसले के बाद अब ट्रस्ट का इंतजार


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला आया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी. अदालत ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी.

केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन रामलला को सौंप दी है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. यानी सुन्नी वफ्फ बोर्ड को कोर्ट ने अयोध्या में ही अलग जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सरकार 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने में जुट गई है. ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर ही अयोध्या का राम मंदिर ट्रस्ट बनाया जाए. कहा तो ऐसा भी जा रहा है कि सरकार एक हफ्ते में ही ट्रस्ट का गठन कर देगी. सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में केवल 6 सदस्य हैं मगर सरकार अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या और ज्यादा कर सकती है और सदस्यों के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री की भूमिका भी अहम हो सकती है. ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है. हालांकि ट्रस्ट बनाने के लिए यह जरूरी है कि उसका कार्यक्षेत्र तय किया जाए और उसके हर सदस्य की जिम्मेदारी भी तय हो.

गौरतलब है कि हिंदू विवादित परिसर के बाहरी अहाते में राम चबूतरा या सीता रसोई में पूजा करते थे. साल 1934 में दंगे हुए. उसके बाद से आंतरिक अहाते में भी मुसलमानों का एक्सक्लूसिव अधिकार नहीं रहा. मुसलमान उसके बाद से अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए. हिन्दू निर्विवाद रूप से बाहर पूजा करते रहे. 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहा दिया गया. जिसपर देशभर में बड़ा विवाद हुआ.

अयोध्या फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें-

1- विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को दी गयी, राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ.

2- कोर्ट ने कहा- आस्था और विश्वास पर नहीं, कानून के आधार पर लिया गया फैसला.

3- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद पर फैसला पढ़ते हुए कहा कि दस्तावेज़ों से पता चलता है कि साल 1885 से पहले विवादित जमीन पर हिन्दू अंदर पूजा नहीं करते थे.

4- जमीन पर अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाया मुसलिम पक्ष.

5- सुन्नी वक्फ को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने के आदेश दिए गए.

6- निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का जमीन पर दावा खारिज.

7- पक्षकार गोपाल विशारद को मिला पूजा-पाठ का अधिकार.

8- तीन महीने में केंद्र सरकार को मंदिर ट्रस्ट गठन के आदेश.

9- राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा नया ट्रस्ट.

10- मुस्लिम पक्ष को जमीन देने की जिम्मेदारी योगी सरकार की होगी