सरकारी दफ्तरों के बिजली के बिल अब टाइम पर होंगे जमा, अब ऑटोमेशन सिस्टम से होगा बिलों का भुगतान


सरकारी दफ्तरों के बिजली के बिल अब न केवल समय पर जमा हो सकेंगे बल्कि ऑटोमेटिक ही खातों से पैसा भी काट जाएगा। राजस्थान में बिजली के बिलों के भुगतान के लिए राजकीय कार्यालयों के विद्युत बिलों का भुगतान अब ऑटोमेशन सिस्टम से हो गया है।

राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में यह व्यवस्था 15 जून, 2022 से लागू हो गई है। इस व्यवस्था में विद्युत व्यय के बिलों का भुगतान अंतिम तिथि से तीन दिन पूर्व ही हो जाएगा। वित्त विभाग ने राजकीय कार्यालयों में विद्युत व्यय के बिलों का भुगतान ऑटोमेशन व्यवस्था से करने के लिए परिपत्र जारी किया है।

इस व्यवस्था के तहत विद्युत वितरण निगमों द्वारा जनरेट किए जाने पर विद्युत व्यय के बिल ऑटो सिस्टम के माध्यम से आईएफएमएस पर प्राप्त होंगे। आईएफएमएस द्वारा एफवीसी बिल ऑटो तैयार किए जाएंगे। विद्युत वितरण निगम द्वारा राजकीय कार्यालय या विभाग के विद्युत व्यय के बिल सिस्टम से जनरेट होते ही पै-मेनेजर सिस्टम द्वारा ऑटो एफवीसी बिल बनाया जाएगा। आहरण-वितरण अधिकारी बिजली मीटर नंबर से बजट मद की मैपिंग करेंगे। यह प्रक्रिया एकबारीय होगी।

पे-मैनेजर सिस्टम द्वारा बनाया गया एफवीसी बिल संबंधित आहरण वितरण अधिकारी को बिल भुगतान की अंतिम तिथि से 5 दिन पूर्व तक प्रदर्शित होता रहेगा। इसके बाद बिल कोषालय को ऑटो फॉरवर्ड हो जाएगा। कोष कार्यालय को यह बिल पारित करने के लिए एक दिन का समय रहेगा। आहरण-वितरण अधिकारी के लॉगिन में प्रदर्शित एफवीसी बिल की रिपोर्ट जनरेट करके इसका मिलान विद्युत वितरण निगम द्वारा जारी विद्युत व्यय के बिल से कन्फर्मेशन का दायित्व आहरण-वितरण अधिकारी का होगा।

विद्युत वितरण निगम द्वारा जारी बिल पर किसी प्रकार की आपत्ति होने पर आहरण-वितरण अधिकारी द्वारा रिमार्क नोट किया जाएगा, जो संबंधित विद्युत वितरण निगम के पोर्टल पर प्रदर्शित होगा। निगम द्वारा पुनः बिल जनरेट करने पर पे-मैनेजर द्वारा पुनः बिल बनाया जाएगा।