मोदी की नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया, देश की जनता माफ नहीं करेगी: अशोक गहलोत


जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नोटबंदी के 4 साल पूरा होने पर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि'4 साल पहले जिस रूप में नोटबंदी की गई. पूरा देश सकते में आ गया. जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि 4 घंटे बाद में आपके तमाम 500 रुपए के, 1000 रुपए के नोट खारिज हो जाएंगे. लोग समझ नहीं पाए और ऐसी स्थिति बनी पूरे मुल्क में, छोटे व्यापारी, किसान, मजदूर काम-धंधे सब चौपट हो गए.'

 गहलोत ने कहा कि बिना कैश लेनदेन के छोटे व्यापार होते नहीं हैं, खेती नहीं होती है, किसानी नहीं होती है, कृषि विपणन नहीं होता है. छोटे व्यापारी, दुकानदार सबको लाइन में लगा दिया और कहा कि 21 दिन के बाद में सब ठीक हो जाएगा, नोटबंदी से फेक करेंसी समाप्त हो जाएगी, नोटबंदी से ब्लैकमनी समाप्त हो जाएगी, सारा पैसा जमा हो जाएगा व्हाइट मनी, नक्सलवाद खत्म हो जाएगा, आतंकवाद खत्म हो जाएगा. लोगों ने विश्वास किया प्रधानमंत्री जी खुद जब बोल रहे हैं, देशवासियों को संदेश दे रहे हैं तो कुछ सोचकर कह रहे होंगे. जिस प्रकार के हालात उस वक्त बने थे, कितने लोग मारे गए हैं लाइनों में खड़े-खड़े कोई गिनती नहीं है. लंबी-लंबी लाइनें लगी थीं नोटों को बदलवाने के लिए, हालात बड़े गंभीर हो गए.

जब देश के हालात बिगड़े, बैंकों की स्थिति खराब हो गई, वो अभी तक बर्बाद होती जा रही है, अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई. डॉ. मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि 2 पर्सेंट जीडीपी कम होगी, लगातार गिरती जा रही है, गिरती जा रही है और अब तो 23 पर्सेंट से अबोव हो गई है पिछली तिमाही के अंदर। हालात बड़े गंभीर हैं, सोच-समझकर क्या किया कोई नहीं जानता.

गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो 2014 में हम लोग सुनते थे मोदी जी को कि स्विस बैंकों से ब्लैक मनी लेकर आऊंगा, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से अध्यक्षता करवाकर कमीशन बनाया गया, पता ही नहीं उसका क्या हुआ. 40 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी बढ़ी है तो अभी बढ़ी है और 2019 के चुनाव में जब एनएसएसओ ने, संगठन जो हमारा क्रेडिबल संगठन है, उसने आंकड़े बताने के लिए तैयारी की, रोक दिया गया, क्योंकि चुनाव का मौका था और बेरोजगारी के आंकड़े आने वाले थे बहुत भयंकर, सारे देश में संपादकीय लिखे गए, आर्टिकल लिखे गए एनएसएसओ के बारे में जो सरकार की धारणा बनी, उनके आंकड़े रोके गए, उनके चेयरमैन ने इस्तीफा दे दिया, मेंबर ने इस्तीफा दे दिया, ऐसी स्थिति बन गई थी, सब जानते हैं. पर नोटबंदी के बाद में जो बेरोजगारी हुई है. आर्थिक मंदी आई है, उसका कोई हिसाब-किताब नहीं है.

गहलोत ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वो आगे आकर देशवासियों को विश्वास में लें, वरना देश की जनता उनको माफ नहीं करेगी.