उदयपुर में कन्हैयाला हत्याकांड मामले पर अमित शाह और सीएम गहलोत आमने सामने


जयपुर. राजस्थान की सियासत में एक बार फिर कन्हैयालाल हत्याकांड चर्चा में आ गया है। राजस्थान के उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आडे हाथों लिया और राजस्थान सरकार पर मामले में निशाना साधा। शाह ने मंच से अपने भाषण में कहा कि गहलोत सरकार आरोपियों को पकड़ना ही नहीं चाहती थी और एनआईए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने उन्हें पकड़ लिया। उधर विधानसभा चुनावों से पहले धारदार हथियार से कन्हैयालाल की हत्या के मामले पर चुनावों से पहले सियासत तेज हो गई है। मामले पर तुरंत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया और शाह के इस बयान की निंदा की। शाह के बयान पर पलटवार करते हुए गहलोत ने ट्वीट में कहा यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे, परन्तु उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो किया वह एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है. अमित शाह द्वारा उदयपुर में झूठ बोला गया कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा जबकि सत्य यह है कि इन्हें घटना के महज चार घंटों के भीतर राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया था। ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। गहलोत ने यह भी कहा कि यह भी जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे. एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई. गहलोत ने कहा ‘‘यह दुखद घटना 28 जून 2022 को हुई थी जबकि एनआईए को इस केस की फाइल दो जुलाई 2022 को हस्तांतरित की गयी । शाह को संभवत: जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन भाजपा नेता थे जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना अधिक समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई।''