भारत-चीन विवाद पर हुई सर्वदलीय बैठक, राजनीतिक दलों ने दिखाई एकजुटता


नई दिल्ली. भारत और चीन में सीमाओं पर चल रहे संघर्ष और तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में जहां सीमाओं की वास्तविक स्थिति पर चर्चा की गई वहीं वस्तु स्थिति से पार्टी के नेताओं को अवगत करवाया गया. इस बैठक में करीब 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस बैठक में भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूदा हालात पर चर्चा की गई.

पीएम मोदी ने कहा कि 'न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक की शुरुआत में चीन सीमा पर शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई.

 

10 बड़ी बातें:


1- सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, TRS, जद (यू), बीजद, LJP, BSP, शिवसेना, राकांपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल हुए. विभिन्न विपक्षी दलों ने सीमा पर स्थिति के बारे में पारदर्शिता रखने की बात कही.


2- सर्वदलीय बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान में हिंसक झड़प के बाद के मौजूदा हालात और वास्तविक स्थिति की जानकारी दी. यह भी बताया कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. सीमा पर सेना पूरी तरह मुस्तैद हैं.


3- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सरकार से के सवाल पूछे. देश की इंटेलिजेंस फैल होने, सरकार की ढिलाई पर सवाल उठाए. साथ ही कहा कि जब 5 मई को लद्दाख और कई जगह चीनी घुसपैठ की जानकारी आ चुकी थी, तो उसके तुरंत बाद ही सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी. पर ऐसा नहीं हुआ. हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता. देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए समर्थन करता है.


4- बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हम सब एकजुट हैं. कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल हमारे सैनिकों के साथ पूरी तरह साथ हैं. हमारी सेनाएं सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं, इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. देश के लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो पूरे देश और विपक्ष को विश्वास में लें और लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें, तभी हम दुनिया के सामने अपनी एकजुटता के साथ सहयोग सुनिश्चित कर सकेंगे.


5- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि ' हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं जैसे फाइटर प्लेन, आधुनिक हेलीकॉप्टर और मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है. नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से, खासकर LAC में अब हमारी पेट्रोलिंग की क्षमता भी बढ़ गई है. पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और LAC पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है.' जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान तैनात हैं और अच्छी तरह से निगरानी कर पा रहे हैं. अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान वहां डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है.


6- PM ने कहा कि 'आज हम इतने सक्षम हैं कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता. आज भारत की सेनाएं अलग-अलग सेक्टर्स में एक साथ कार्रवाई करने में भी सक्षम है. बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है.'   


7- सर्वदलीय बैठक में ममता बनर्जी ने भी अपनी बात रखी. और कहा, 'चीन एक तानाशाह देश है, जो मन में आता है करता है. जबकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, ऐसे में हम सबको मिलकर लड़ाई लड़नी होगी. चीन के खिलाफ एकमत होना होगा. एक आवाज में चीन का विरोध करना होगा और एक होकर उसे जवाब देना होगा. टेलीकॉम, मोबाइल व एविएशन सेक्टर में चीन के निवेश को बंद करना होगा. हर हाल में चाइना के प्रोडक्ट की देश में एंट्री पर रोक लगाना जरूरी है.


8- JDU प्रमुख बिहार के CM नीतीश कुमार अपनी बात रखते हुए कहा ने चीन के खिलाफ गुस्सा है. हम सब एक हैं. इस मुद्दे पर किसी भी राजनीतिक दल को एकता की कमी नहीं दिखानी चाहिए. चीन निर्मित सामानों का ढेर बाजार में लगा है, जिनकी क्वॉलिटी भी अच्छी नहीं. इनका बहिष्कार जरूरी है.


9- शिवसेना प्रमुख महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम सब प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं. देश की सेना और उनके परिवार के साथ खड़े हैं. भारत शांति चाहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं. चीन हमेशा धोखेबाजी करता है. भारत 'मजबूत' है, 'मजबूर' नहीं. भारत की सरकार 'आंखें निकाल कर हाथ में दे देने' की क्षमता रखती है.


10- जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार पर हमें पूरा भरोसा है. चीन हमें इस महामारी को दौर में तोड़ना चाहता है लेकिन हमें इसका मजबूती से सामना करना है. वहीं आकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह सही समय सवाल पूछने कहा नहीं , देश को पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा है. कॉनरैड संगमा ने कहा कि बॉर्डर एरिया पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम किसी भी हाल में नहीं बंद होना चाहिए. चीन बांग्लादेश और म्यांमार में भारत के खिलाफ जो कुछ कर रहा है वह चिंताजनक जरूर है. CPI नेता डी राजा ने कहा कि अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि हम उनके पाले में आ जाएं, लेकिन हमें पंचशील के समझौते का ध्यान रखना होगा.