भारत में प्रतिबंध के बावजूद सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से चल रहे शराब के विज्ञापन


नई दिल्ली. भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने कुछ सालों पहले इसकी घोषणा कर दी थी कि चाहे करोड़ों का नुकसान हो जाए, किसी भी सूरत में सिगरेट-शराब का विज्ञापन नहीं करेंगे. तेंदुलकर संभवत: भारत रत्न से नवाजे गए ऐसे पहले सलेब्रिटी रहे जिन्होने देशहित में सिगरेट और शराब जैसे करोड़ों की कमाई वाले विज्ञापन छोड़कर बैटरी तक का विज्ञापन बिंदास होकर किया. लेकिन आज हकीकत यह है कि युवाओं का सबसे बड़ा मंच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत सरकार के नियमों और कानूनों की अनदेखी कर ऐसे शराब के विज्ञापनों को प्रमोट करने में लगा है, जिससे शराब की बिक्री और सेवन को प्रोत्साहित किया जा रहा है. और तो और भारतीय सरकारी तंत्र आखें मूंद कर बैठा है.

भारत में कुछ ऐसे राज्य हैं जहां शराब की बिक्री और खरीद पूरी तरह से प्रतिबंधित है, शराब की कोई बिक्री या खरीद एक दंडनीय अपराध है. प्रदेश भर के सिनेमा घरों, पत्र-पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर शराब के प्रचार विज्ञापन पर रोक लगी हुई है.

प्रत्यक्ष छोडिए अप्रत्यक्ष रुप से भी शराब की बिक्री को प्रोत्साहित करने वाले विज्ञापनों पर रोक है. बावजूद इसके फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित कई अन्य सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटाफॉर्म पर धड़ल्ले से विज्ञापन किए जा रहे हैं. एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) तक ने ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगा रखी है.

खुद एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) के ब्रांड एम्बेसेडर और कानूनविद् सूर्य प्रताप सिंह की माने तो यह इस तरह के शराब के विज्ञापन सोशल मीडिया पर युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में लगे हैं, इन पर सख्ती जरुरी है और वो खुद इस मामले में ASCI को अवगत करा चुके हैं ताकि सोशल मीडिया पर शराब के विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सके.

 

शराब से जुड़े 10 फैक्ट:

 

1- भारत में गुजरात, नागालैंड, मिजोरम, बिहार में शराब प्रतिबंधित है.

2- 2019 में भारत में हुए एक सर्वेक्षण की मानें तो 10 से 75 साल के आयु वर्ग के 14.6 प्रतिशत ( करीब 16 करोड़) लोग शराब पीते हैं और छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, अरूणाचल प्रदेश तथा गोवा में शराब का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है. सर्वेक्षण में यह पता चला कि शराब के बाद देश भर में भांग और अन्य नशीले पदार्थों का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है.

3- भारत में शराब के उपयोग और शराब की खरीद के लिए अलग अलग राज्यों में अलग-अलग कानूनी उम्र है. इसके मुताबिक ही कोई व्यक्ति कानूनी रूप से अल्कोहल का उपभोग कर सकता है, जबकि खरीद आयु वह उम्र है जिस पर एक व्यक्ति कानूनी रूप से लाइसेंस प्राप्त विक्रेता से शराब खरीदने का हकदार होता है. जैसे महाराष्ट्र में शराब की खरीद के लिए कानूनी आयु 18 वर्ष है जबकि शराब के सेवन के लिए कानूनी आयु 25 है.

4- पिछले कुछ सालों में भारत में शराब के उपयोग में लगातार वृद्धि हो रही है. दुनिया में उत्पादित शराब का करीब 5 प्रतिशत भारतीयों द्वारा सेवन किया जाता है.

5- भारत के राज्यों को प्राप्त होने वाले राजस्व का सबसे बड़ा जरिया अल्कोहल माना जाता है. अल्कोहल को नियंत्रित करने वाले कानून भारत के संविधान के 7 वें कार्यक्रम में राज्य सूची के तहत शामिल किए गए हैं. ऐसे में देखा गया है कि भारत में शराब से संबंधित कानूनों में कोई समानता नहीं है.

6- कुछ समय पूर्व विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भारत में शराब के बढ़ते सेवन पर चिंता जताई गई और बताया गया कि हर साल सड़क हादसों में होने वाली मौतों में से लगभग 1 लाख का शराब से परोक्ष संबंध होता है.

7- एक सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़, त्रिपुरा और पंजाब में पुरुषों की कुल आबादी में से आधे से ज्यादा लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं. 4.20 करोड़ शराबियों के साथ उत्तर प्रदेश पहले नम्बर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक शराब का सेवन करने वालों में करीब 5.70 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनको स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं के लिए इलाज की जरूरत है.

8- पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आफ इंडिया की की मानें तो भारत में शराब की खपत तेजी से बढ़ रही है. साल 2005 जहां देश में प्रति व्यक्ति इसकी औसतन खपत 2.4 लीटर थी वहीं वर्ष 2016 में यह दोगुनी बढ़ कर 4.3 लीटर तक पहुंच गई. और 2020 में यह आंकड़ा और बढ़ गया है.

9- यदि दुनिया के सबसे ज्यादा पियक्कड़ों की बात करें तो मोल्डोवा का नाम इसमें सबसे ऊपर आता है. यहां प्रति व्यक्ति अल्कोहल खपत: 17.4 लीटर प्रतिवर्ष यानि करीब 178 बोतल वाइन है. इसके बाद प्रति व्यक्ति अल्कोहल खपत: 17.1 लीटर प्रतिवर्ष यानि करीब 175 बोतल वाइन के साथ बेलारूस का नम्बर आता है. जबकि यमन में शराब सार्वजिनक रूप से नहीं पा जा सकती. यमन के कानून मुताबिक अगर सार्वजनिक रूप से कोई शराब पीता पकड़ा जाता हैं तो उसे नशा मुक्ति केन्द्र, सुधार गृह या इलाज के लिये भेजने की बजाय सीधे जेल भेजा जाता है.

10 - भारत में प्रति व्यक्ति औसत अल्कोहल खपत करीब 4.6 लीटर प्रतिवर्ष है.