राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम व टीएचडीसी के बीच राज्य में 10 हजार मेगावाट क्षमता का मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित करने का हुआ करार


जयपुर। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन दोनों मिलकर राजस्थान में 10 हजार मेगावाट मेगा अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित करेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल और टीएचडीसीआईएल के सीएमडी राजीव विश्नोई की उपस्थिति में शुक्रवार को ऋषिेकेश में एक समझौता ज्ञापन पर अक्षय ऊर्जा निगम की और से निदेशक तकनीकी सुमित माथुर और टीएचडीसीआईएल की ओर से महाप्रबंधक हाइब्रिड एनर्जी बिजनस श्री संजय खेर ने हस्ताक्षर किए।

इस एमओयू के अनुसार राजस्थान मेंनवीकरणीय ऊर्जा पार्क का क्रियान्वयन व विकास दोनों कंपनियों द्वारा गठित संयुक्त उपक्रम स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (एसपीवी) के माध्यम से किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने इसे अनूठी पहल बताया। इससे प्रदेश मेंनवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक तेजी से विकास होगा।

उन्होंने बताया कि राजस्थान 10 गीगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है।केन्द्र सरकार केनवीकरणीयऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान अब केवल सोलर ही नहीं अपितुनवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सभी प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर आ गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में करीब 8 लाख करोड़ रुपए के एमओयू एलओआई पर सहमति हुई है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 3000 मेगावाट क्षमता से अधिक क्षमता विकसित की जा चुकी हैं जबकि पिछले तीन सालों में प्रदेश में 6552 मेगावाट क्षमता विकसित हुई है। इस अवसर परडॉ. सुबोध अग्रवाल ने टीएचडीसीआईएल द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लिए गए इस जरूरी कदम व अनूठी पहल की प्रशंसा की तथा हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। इसनवीकरणीय ऊर्जा पार्क परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित होने की संभावना है। सीएमडी टीएचडीसीआईएल श्री राजीव विश्नोई ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निगम द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम है तथा इससे देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान मिलेगा।

 विश्नोई ने इस समझौता ज्ञापन के सफलतापूर्वक हस्ताक्षरित होने के लिए टीएचडीसीआईएल एवं राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड के अधिकारियों को बधाई दी। जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) टीएचडीसीआईएल ने कहा कि यह राजस्थान सरकार के साथ हमारे आपसी संबंधों की शुरूआत है और भविष्य में भी देश कीऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अनेक परियोजनाओं पर टीएचडीसी और राजस्थान सरकार सहकार्यता और सहभागिता से काम करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में टीएचडीसीआईएल द्वारा इस ऎतिहासिक कदम से ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें, रीन्यूएबल एनर्जी से पूरी करने के लक्ष्य कोप्राप्त करने में भी योगदान मिलेगा। साथ ही राजस्थान राज्य में इननवीकरणीय अक्षय सौरऊर्जा परियोजनाओं के विकास से सस्ती एवं पर्यावरण के अनुकूल सौर बिजली से राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि आज जिस तरह से अक्षय उर्जा के क्षेत्र में राजस्थानअग्रणीप्रदेश है ठीक उसी तरह से टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में एकप्रमुख विद्युत उत्पादकहै जिसका श्रेय उत्तराखण्ड में टिहरी बांध एवं एचपीपी(1000 मे.वा.), कोटेश्वर एचईपी(400 मे.वा.), गुजरात के पाटन में 50 मे.वा. एवं द्वारका में 63 मे.वा. की पवन विद्युत परियोजना, उत्तरप्रदेश के झांसी में 24 मे.वा. की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं केरल के कासरगोड में 50 मे.वा. की सौर विद्युत परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को जाता है।नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख इकाई होने के कारण, टीएचडीसीआईएल उत्तरप्रदेश में यूपीनेडा के साथ मिलकर 2000 मे.वा. के अल्ट्रा मेगा सौर पार्को का कार्यान्वयन भी कर रही है