अब डॉक्टर/स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया तो 7 साल तक की जेल, भारी जुर्माना, मोदी सरकार का अध्यादेश


नई दिल्ली. अपनी जान दाव पर लगाकर दिन-रात सेवा में कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर्स और अन्य चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों की अब खैर नहीं होगी. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए मोदी सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला लिया है. केन्द्र सरकार ने साफ कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी. जिसके तहत अब गैर जमानती कार्रवाई होगी और सात साल की सजा तक का प्रावधान होगा.

केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक के बाद बताया कि 'देश में कोरोना महामारी के जूझ रहे डॉक्टरों और आरोग्य कर्मचारियों पर हमले किसी सूरत में स्वीकार नहीं किए जाएंगे. स्वाथ्यकर्मियों को सुरक्षा देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रीमंडल की बैठक हुई जिसमें देश में महामारी बीमारी क़ानून (एपिडेमिक डीज़िसेस 1897) में बदलाव कर देश में नया अध्यादेश लागू करने का सरकार ने फ़ैसला किया है.' जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा. अध्यादेश में सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. डॉक्टर पर हमला करना गैर जमानती अपराध होगा.

उधर इस बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह की ओर से सुरक्षा का भरोसा मिलने के बाद डॉक्टरों ने बुधवार को होने वाला अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है. गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल से बात की थी. चिकित्सा कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान होने वाले हमले को लेकर डॉक्टरों में नाराजगी है. भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने केंद्र सरकार से इसके खिलाफ तत्काल कानून लाने की मांग की थी. जिस पर उन्हें सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिला था.

क्या है सजा?

- 3 महीने से 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है. 50 हज़ार से 2 लाख तक जुर्माना भी होगा.

- ज्यादा नुकसान हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सज़ा हो सकती है.

- इस तरह के मामलों की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के स्तर पर होगी. 30 दिन में मुकदमा चलना शुरू हो जाएगा और 1 साल में फैसला आएगा.

- मामले में जेल की सज़ा तो दी ही जा सकती है, इसके अलावा 50 हज़ार से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लागाया जा सकता है.

- अगर स्वास्थ्य कर्मी की गाड़ी, क्लिनीक और सामान का तोड़फोड़ से नुकसान हुआ तो इसके लिए हमला करने वाले से मार्केट दर से दोगुना मुआवजा लिया जाएगा.