राजस्थान नर्सिंग काउंसिल में भ्रष्टाचार के खेल का एसीबी ने किया भंडाफोड़, 1 लाख 90 हजार की रिश्वत के लेनदेन में दो लोग गिरफ्तार


जयपुर. राजस्थान ​नर्सिंग काउंसिल, जयपुर का कनिष्ठ सहायक एवं प्राईवेट व्यक्ति को 1 लाख 90 हजार रुपये की रिश्वत राशि का लेन-देन करने पर गिरफ्तार किया गया है. नर्सिंग काॅलेज की मान्यता, सीट आवंटन तथा निरीक्षण में शिथिलता के नाम पर यह रिश्वतखोरी का खेल हो रहा था. 

ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर मुख्यालय स्थित विशेष अनुसंधान इकाई द्वारा सूत्र-सूचना पर कार्यवाही करते हुये नन्द किशोर शर्मा कनिष्ठ सहायक, राजस्थान नर्सिंग काउंसिल, जयपुर को बंशीलाल गुर्जर (प्राईवेट व्यक्ति) से 1 लाख 90 हजार रूपये की रिश्वत का लेन-देन करने पर गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि एसीबी मुख्यालय को एक सूत्र सूचना इस आशय की मिली कि राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के अधिकारी/कर्मचारी नर्सिंग काॅलेज की मान्यता, सीट आवंटन तथा निरीक्षण में शिथिलता के नाम पर मोटी रकम रिश्वत लेन-देन कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जिस पर सूत्र-सूचना को मुख्यालय स्थित तकनीकी शाखा के उप अधीक्षक पुलिस राजेश दुरेजा एवं उनकी टीम द्वारा विकसित किया जाकर सतत निगरानी रखी गई। आज सूत्र-सूचना पर मुख्यालय स्थित विशेष अनुसंधान इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में उप अधीक्षक पुलिस कमलनयन एवं उनकी टीम द्वारा ट्रेप कार्यवाही करते हुये नन्द किशोर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. वह बंशीलाल गुर्जर (प्राईवेट व्यक्ति) से 1 लाख 90 हजार रूपये की रिश्वत राशि का लेन-देन कर रहा था.

एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एम.एन. के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा। विदित रहे कि रिश्वत लेना तो अपराध है ही, रिश्वत देना भी उतना ही गंभीर अपराध है। लेकिन यदि रिश्वत जबरदस्ती ली गयी हो तो एक सप्ताह के भीतर एसीबी या समकक्ष भ्रष्टाचार निरोधी संगठन को रिश्वत लेने वाले के विरूद्ध साक्ष्य सहित सूचित किया जाता है तो रिश्वत देने वाले को क्षम्य माना जा सकता है।