राजस्थान के बेरोजगारों का 53 दिन से जारी आंदोलन CM गहलोत से वार्ता के बाद समाप्त, क्रांति का मजबूत चेहरा साबित हुए उपेन यादव


जयपुर। राजस्थान में बेरोजगार युवाओं के लिए लीडरशिप का सबसे मजबूत चेहरा उपेन यादव बन गया है।  पिछले कुछ समय से उपेन यादव द्वारा लगातार बेरोजगारों के लिए किया जा रहा संघर्ष और उनके सामने आ रहे परिणामों ने इस युवा चेहरे को एक मजबूत लीडर साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

यही कारण है कि राजस्थान प्रदेश के बेरोजगारों का 53 दिन से जारी आंदोलन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता के बाद खत्म हो गया है। रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत के साथ बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद 22 में से 9 मांगों पर सहमति बन गई। वहीं छह मांगों को दिसंबर महीने में पूरा करने का फैसला किया गया है। जिसके बाद बेरोजगारों ने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है।

Upen yadav with CM Ashok Gehlot

राजस्थान एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों की 9 मांगों को आज ही मान लिया है। वहीं, 6 मांगों पर दिसंबर महीने में ही पूरा करने का वादा किया है। जिसके तहत अगले 1 महीने में लंबित भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही नई भर्तियां भी निकलेगी। जबकि अन्य मांगों को भी सरकार जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेगी। ऐसे में आज हम सब ने बैठक कर 53 दिन से जारी आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है। राजस्थान के बेरोजगार पिछले 53 दिनों से अपनी 22 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने के साथ पिछले 7 दिनों से बेरोजगार उत्तर प्रदेश में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। जिसके बाद देशभर में बेरोजगारों का आंदोलन चर्चा का विषय बन गया था। वहीं लगातार बढ़ते विरोध के बाद अब सरकार ने भी बेरोजगारों को बातचीत के लिए बुलाया था। जिसमें आंदोलन ख़त्म करने की सहमति बनी।

बता दें कि उपेन यादव ने अपने आंदोलन को मजबूत रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश में भी देना डाला और उसके बाद में वह अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने में भी सक्षम रहे। वह कांग्रेस और बीजेपी जैसी दोनों दिग्गज पार्टियों के बड़े नेताओं तक अपनी बात पहुंचा कर बेरोजगारों के हित में उचित निर्णय कराने की दिशा में काफी हद तक सफल भी हुए।