हुर्रियत नेता के आतंकी बेटे समेत दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने किया ढेर


श्रीनगर. कश्मीर के कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सहराई का आतंकी पुत्र जुनैद सहराई अपने एक साथी के साथ मारा गया है. श्रीनगर के डाउन-टाउन क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दोनों को ढेर कर दिया गया. डाउनटाउन में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रात 2 बजे से शुरू हुई 15 घंटे की  मुठभेड़ में तीन जवान भी जख्मी हो गए. इस दौरान क्षेत्र के मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी सुरक्षा के तहत बंद कर दिए गए.

रियाज नाइकू की मौत के बाद 29 साल के जुनैद सहराई का मारा जाना हिजबुल मुजाहिदीन के लिए एक बड़ा झटका है.

जुनैद सहराई को नाइकू की मौत के बाद कश्मीर में हिज्ब का डिप्टी ऑपरेशनल चीफ कमांडर बनाए जाने की बात सामने आ रही थी. खास बात यह है कि घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा बीते सप्ताह बनायी गई 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में वह टॉप थ्री आतंकियों में शामिल था, जिसपर सात लाख का इनाम भी घोषित था. जुनैद मार्च 2018 में हिज्बुल के साथ जुड़ा. जुनैद 2017 में MBA की पढ़ाई करके नौकरी की तलाश के बहाने अचानक मार्च 2018 में एक दिन गायब हो गया. बाद में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जारी कर उसने खुद के हिज्बुल में शामिल होने की घोषणा कर दी थी.

मुठभेड़ के दौरान आतंकी ठिकाना बना मकान भी एक बम धमाके में तबाह हो गया. हालांकि शरारती तत्वों ने हिज्ब आतंकी जुनैद व उसके साथी को बचाने की पूरी कोशिश की, और मुठभेड़ के वक्त लगातार सुरक्षाबलों पर पथराव करते रहे, लेकिन सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया. पत्थरबाजी के दौरान हिंसक झड़पों में तीन लोग जख्मी हो गए. मुठभेड़ की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगातार ड्रोन का इस्तेमाल सुरक्षाबलों ने किया.

सैयद अली शाह गिलानी के बाद आतंकी जुनैद सहराई के पिता मो. अशरफ सहराई हुर्रियत प्रमुख बने थे. रियाज नायकू के मारे जाने के बाद हफ्तेभर पहले ही हिजबुल कमांडर बने सैफुल्ला को डिप्टी चीफ बनाया था. जुनैद और उसके साथी तारिक अहमद शेख को सुरक्षाबलों ने बीती रात यहां घेर लिया था, पुलिस को टेक्निकल इंटेलिजेंस के जरिए उसकी मौजूदगी को लेकर पुख्ता जानकारी मिली थी, जिसके बाद तुरंत सेना को सूचित किया गया और इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

बता दें इससे पहले मई 2012 में हिज्बुल में शामिल हुए रियाज़ नायकू को 6 मई को एनकाउंटर सेना ने मार गिराया था. ऐसे में मई माह में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है.