राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए 118 अरब से ज्यादा की अनुदान मांगें ध्वनीमत से पारित, कई बड़ी घोषणाएं


जयपुर. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को रफ्तार देने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से काम शुरु कर दिया है. चूंकि राजस्थान में अब अगले दो सालों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में सरकार ग्रामीण वोट बैंक को किसी भी तरह से निराश नहीं करना चाहती. इसी लिहाज से इस विशाल महकमे की जिम्मेदारी राजस्थान के कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा को सौंपी गई. एक वर्क होलिक, कर्मठ और बोल्ड पब्लिक लीडर माने जाने वाले रमेश मीणा ने मंगलवार को अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद राजस्थान विधानसभा में जवाब देते हुए कई बड़ी घोषणा की. 

इस दौरान ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम की 18 अरब, 39 करोड़ 4 लाख 76 हजार रूपये एवं सामुदायिक विकास की 99 अरब 9 करोड़ 97 लाख 78 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित हुईं.  राजस्थान में गांवों के विकास और आमजन की समस्याओं के समाधान को रफ्तार देने और महकमें में घोषणाओं को तुरंत अमलीजामा पहनाने के निर्देश भी मंत्री रमेश मीणा ने जारी किए.

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चन्द मीणा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के अंतिम छोर तक योजनाएं पहुंच रही है। ग्रामीण आत्मनिर्भर हो रहे है। उनका आर्थिक विकास निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज के सुदढ़ीकरण करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान सरकार के ही प्रयासों से आज प्रदेश की महिलाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता आई है। वे संगठित होकर समस्याओं का समाधान भी करा रही है। 

रमेश मीणा ने कहा कि विभाग के कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा, ओडीएफ का भी सत्यापन किया जाएगा। अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही ग्राम पंचायतों की भूमि का रिकॉर्ड संधारित कर लैंड बैंक बनाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जल ग्रहण विकास योजनाओं से समन्वय कर कृषकों की आय बढ़ाने के लिए आगामी 2 वर्षों में 50 हजार फार्म पॉण्ड, डिग्गी एवं टांकों का निर्माण लगभग 600 करोड़ की लागत से कराया जाएगा। इससे लगभग 10 हजार हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। 

चरणबद्ध रूप से गांधी विकास पथ का निर्माण कराया जायेगा, जिसमें लगभग 1750 करोड़ रूपये व्यय कर 2500 किमी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। 

आधारभूत संरचना के विकास में 50 ग्राम पंचायतों में नवीन भवन निर्माण पर 10 करोड़ रूपये व्यय किए जाएगें। साथ ही पुराने 200 पंचायत भवनों की मरम्मत करवाई जाएगी। इन पर 8 करोड़ रूपये व्यय होगें। 200 ग्राम पंचायतों में 08 करोड़ की लागत से कॉमन सर्विस सेन्टर बनाए जाएगें। साथ ही नई बनाई गई पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों में भवनों के निर्माण भी कराये जा रहे है।
 
तकनीकी अधिकारियाें के रिक्त पदों पर जब तक भर्ती नहीं हो जाती, बेरोजगार अभियंताओं एवं सेवानिवृत्त अभियंताओं का जिलेवार पैनल तैयार कर तकनीकी सेवाएं ली जाएगी। साथ ही तकनीकी के विकास को देखते हुए राज्य की सभी ग्राम पंचायत के सरपंचों को कम्प्यूटर मय प्रिंटर उपलब्ध कराये जाएंगें।