1 करोड़ बच्चों ने एक साथ देशभक्ति गीत गाकर बनाया विश्व रिकॉर्ड, भाईचारे और तरक्की का दिया संदेश


जयपुर। राजस्थान में शुक्रवार को प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों के 1 करोड़ बच्चों ने देशभक्ति गीतों का सामूहिक गान कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। मुख्य समारोह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में सवाई मान सिंह स्टेडियम में आयोजित हुआ। आजादी का अमृत महोत्सव के अर्न्तगत चल रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में शिक्षा विभाग तथा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लेकर देशभक्ति गीतों का सामूहिक गान किया। देशभक्ति गीतों के सामूहिक गायन का बना विश्व रिकॉर्ड आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत राज्य, जिला, ब्लॉक व विद्यालय स्तर पर शिक्षा विभाग व कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से 1 करोड़ बच्चों ने एक साथ देशभक्ति गीतों का गायन किया।

बच्चों ने झण्डा ऊंचा रहे हमारा, सारे जहां से अच्छा, आओ बच्चों तुम्हे दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, हम होंगे कामयाब जैसे देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों के साथ राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम‘ व राष्ट्रगान ‘जन गण मन‘ का भी गायन किया। इस अवसर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के उपाध्यक्ष प्रथम भल्ला ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को विश्व रिकॉर्ड का प्राविजनल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जिसे मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों व समस्त प्रदेशवासियों को समर्पित किया। कार्यक्रम से प्रदेश में तैयार होगा नया वातावरण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग को बधाई देते हुए कहा कि 1 करोड़ से अधिक बच्चों द्वारा देशभक्ति गीतों के सामूहिक गायन से प्रदेश में एक नया वातावरण तैयार होगा।

इन तरानों में संविधान की रक्षा, आपसी भाईचारे व देश की आजादी में दिए गए बलिदानों सहित तमान भावनाएं समाहित है। आज भारत में तीन चौथाई आबादी नौजवानों की है। नई पीढ़ी को इन गीतों के माध्यम से इन भावनाओं को आत्मसात करने का मौका मिलेगा। इससे प्रदेश के युवाओ में देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के सान्निध्य में पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे नेताओं द्वारा किए गए स्वतंत्रता आंदोलनों, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस जैसे नौजवानों द्वारा दिए गए बलिदानों के प्रति श्रद्धा, डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान की रक्षा व साम्प्रदायिक सौहार्द्र की भावना मजबूत होगी।

 गहलोत ने कहा कि सबसे पहले पं. जवाहर लाल नेहरू द्वारा 31 दिसंबर, 1929 में देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा हमारा कर्तव्य है कि आजादी की 75वीं वर्षगाठ पर घर पर तिरंगा फहराकर अपने राष्ट्रभक्ति के संकल्प को मजबूत करें। हम सब अपने घरों पर तिरंगा फहराकर दुनिया को एक संदेश दें कि हिंदुस्तान में राष्ट्रभक्ति का एक अनूठा जज्बा है।