अमेरिका में 'हाउडी मोदी' का आयोजन 22 सितम्बर को, कार्यक्रम में आना ट्रंप की मजबूरी क्यों? समझिए 10 फैक्ट से


ह्यूस्टन (अमेरिका). दक्षिण-पश्चिम अमेरिका में हाउ डू यू डू को शॉर्ट में 'हाउडी' कहा जाता है (आप कैसे हैं?). दुनियाभर में ऊर्जा की सबसे बड़ी राजधानी के रूप में अपनी पहचान रखने वाले अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में 22 सितम्बर को 'हाउडी, मोदी' कार्यक्रम को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. 50 हजार से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं. अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. गौर करने वाली बात यह है अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी है इस बीच ट्रम्प का कार्यक्रम में आना अमरीका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते राजनीतिक महत्व को रेखांकित करता है.

गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी तीसरी बार भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे. 2014 में उन्होंने न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर पर और 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया था. दोनों ही कार्यक्रमों में 20 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था.

 

'हाउडी मोदी' आयोजन से जुड़े 10 बड़े फैक्ट:

1- एनआरजी स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम के मास्टर प्लान पर पूरा काम टेक्सास इंडिया फोरम (टीआइएफ) की देखरेख में चल रहा है.

 

2- कार्यक्रम की शुरुआत वूवेन : द इंडियन-अमेरिकन स्टोरी से होगी. 90 मिनट के इस शो में अमेरिका में सांस्कृतिक, बौद्धिक और सामाजिक क्षेत्र में भारतीयों के योगदान को दर्शाया जाएगा. इसी तरह 'शेयर्ड ड्रीम्स, ब्राइट फ्यूचर' कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकियों की सफलता और अमेरिका में उनके योगदान को दिखाया जाएगा. 

 

3- कार्यक्रम को कुछ इस तरह से प्लान किया गया है कि ना केवल कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रुप से मौजूद लोग बल्कि अप्रत्यक्ष रुप से भी विभिन्न माध्यमों से लोग कार्यक्रम से जुड़ाव महसूस कर सकें.

33 अमेरिकी राज्यों के 600 भारतीय संगठन के 1100 से अधिक वॉलेंटियर शो को सफल बनाने में जुटे हैं.

 

4- दोनों नेताओं का एक साथ मंच पर आना भारत-अमेरिका के रिश्तों की मजबूती का बेहतर उदाहरण है. जहां दोनों नेता मिलेंगे, चर्चा करेंगे, गुफ्तगू भी होगी और भारतीय मूल से जुड़ी बड़ी तादात को एक साथ संबोधित करेंगे, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत और अमरीका के रिश्ते कहां से कहां पहुंच गए हैं. 

 

5- इसमें कोई दो राय नहीं कि अगले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर ट्रंप अपने राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर ही मोदी के कार्यक्रम में आ रहे हैं, इस बात को खुद मोदी भी जानते हैं. अप्रत्यक्ष रुप से मोदी के आने से ट्रम्प यहां भारतीय मूल के लोगों में मजबूत होंगे.

 

6- अमेरिका में भारतीय मूल के 16 लाख लोग हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मैक्सिको, फेलिपिनो मूल के लोगों के बाद अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है. 

 

7- अमेरिका में प्रवासी मामलों के संस्थान माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट की मानें तो साल 1990 और 2000 के बीच अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी. 2007-08 में चीन और हांगकांग के लोगों के पीछे छोड़ते हुए भारतीय मूल के लोग अमेरिका जाने वालों में अव्वल रहे. 

 

8- एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया और न्यूजर्सी में भारतीय मूल के लोग सबसे ज्यादा हैं. कैलिफॉर्निया में करीब 19 फीसदी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. आठ साल में कई अमेरिकी राज्यों में भारतीय मूल के लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है.

 

9- इस आयोजन से साफ है कि अमरीका और भारत दोनों ही दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं, दोनों बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों के बीच संबंध बेहद अहम हैं. यह रिश्ते अब व्यापार से कहीं आगे निकल रहे हैं. 

 

10- 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी तीसरी बार 'हाउडी मोदी' आयोजन के तहत भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करेंगे. 2014 में न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर, 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय-अमेरिकी समुदाय में जहां 20 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था, वहीं इसबार संख्या ढाई गुना से भी अधिक यानी पचास हजार से ज्यादा रहने वाली है.