डिजिटल मीडिया पत्रकारों को भी मिलेगा प्रिंट और टीवी जैसा लाभ, केन्द्र सरकार के स्तर पर प्रयास तेज


नई दिल्ली. डिजिटल मीडिया का बढता प्रभाव और प्रसार किसी से छुपा नहीं है. दुनिया के सबसे तेज और सुलभ माध्यम के रुप में विकसित हो चुका डिजिटल मीडिया एक क्रांति बन चुका है. डिजिटल मीडिया क्षेत्र में लगातार बढतेे रोजगार के अवसर और इसके बढते प्रभाव के बीच केंद्र सरकार के Information and Broadcasting Ministry ने कहा है कि वह डिजिटल मीडिया निकायों के पत्रकारों को पीआईबी मान्यता जैसे लाभ देने पर गौर करेगी.

यही नहीं इन्‍हें आधिकारिक संवाददाता सम्मेलनों में भागीदार की पहुंच देने पर विचार किया जाएगा. सरकार डिजिटल मीडिया निकायों के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगी. इस बीच केन्द्र सरकार ने डिजिटल मीडिया निकायों से अपने हितों को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिए स्व नियमन संस्थाओं का गठन करने को कहा है.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक ताजा बयान में कहा गया है कि डिजिटल मीडिया के लिए कई अन्य सुविधाओं पर भी विचार किया जा रहा है. डिजिटल मीडियाकर्मियों को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों की तरह भारत सरकार से मान्यता, चिकित्सा, सीजीएचएस लाभ, रियायती रेल किराया व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. बयान के मुताबिक, सरकार के डिजिटल विज्ञापन भी संचार ब्यूरो के माध्यम से इन्‍हें दिए जाएंगे. और फिलहाल पारंपरिक मीडिया यानी प्रिंट एवं टीवी को जो लाभ दिए गए हैं भविष्य में उन्हें उन निकायों को भी देने पर विचार किया जाएगा जो डिजिटल माध्यम से खबरों की अपलोडिंग या स्ट्रीमिंग में लगे हैं.

 

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह कदम उद्योग संवर्धन एवं अंदरूनी व्यापार विभाग के मुताबिक फैसले की दिशा में उठाया गया है. इसके अलावा खबरों से जुड़े डिजिटल मीडिया में 26 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को लेकर सरकार ने शुक्रवार को नया स्पष्टीकरण भी जारी किया. जिसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि विदेशी निवेश हासिल डिजिटल मीडिया कंपनियों को एक वर्ष के भीतर केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ एफडीआइ को भी 26 फीसद पर लाना होगा.

 

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी स्पष्टीकरण के मुताबिक सरकारी रूट से 26 फीसदी एफडीआइ के नियम भारत में पंजीकृत और भारत में स्थित उन सभी डिजिटल मीडिया पर लागू होंगे जो वेबसाइट, एप व अन्य प्लेटफार्म पर खबर व करंट अफेयर्स को अपलोड करने का काम कर रहे हैं, जो न्यूज एजेंसी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से डिजिटल मीडिया को खबरों की आपूर्ति कर रही है, जो न्यूज एग्रीगेटर किसी एक स्थान पर सॉफ्टवेयर, वेब एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें वेबसाइट के साथ पॉडकास्ट और ब्लॉग्स भी शामिल हैं. वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक निदेशक बोर्ड में शामिल 50 फीसद से अधिक निदेशक भारतीय होने चाहिए. कंपनी का सीईओ भारतीय होना चाहिए. कंपनी में अगर किसी विदेशी को 60 दिनों से अधिक के लिए भारत में नियुक्त किया जाता है तो उसका सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना आवश्यक होगा. सूत्रों के मुताबिक डेली हंट, हेलो, यूसी न्यूज, ओपेरा न्यूज, न्यूजडॉग जैसे डिजिटल मीडिया में चीन के निवेश की अधिक हिस्सेदारी है. नए नियम से चीन से होने वाले इस प्रकार के निवेश पर लगाम लग सकती है. बहरहाल सरकार के इस बयान की मीडिया जगत में सराहना की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि डिजिटल इंडिया क्रांति की दिशा में डिजिटल मीडिया को लेकर सरकार जल्द ही ठोस कदम उठाएगी. ताकि रोजगार के अवसर बढ सकें और न्यू मीडिया क्रांति को बढावा मिल सके.